देश में लगातार तीसरी बार बीजेपी के गठबंधन वाली (MODI CABINET 3.0) सरकार बनने जा रही है। इस बार चुनाव में पिछली सरकार के करीब 19 केंद्रीय मंत्री चुनाव हार गए हैं,जबकि प्रदेश के पांच मंत्रियों में से तीन केंद्रीय मंत्री चुनाव जीत गए हैं और दो मंत्रियों ने विधानसभा चुनाव के दौरान इस्तीफा दे दिया था।
इन सांसदों को केंद्र में मिल सकती है जगह
अब जब केंद्र में तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है। ऐसे में अटकलों का दौर शुरू हो गया है कि इस बार प्रदेश के किन सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल (MODI CABINET 3.0) में जगह मिलेगी। हाल ही में चुनाव जीतकर सांसद बने ज्योतिरादित्य सिंधिया, फग्गन सिंह कुलस्ते और विरेंद्र कुमार खटीक को फिर से कैबिनेट में जगह मिल सकती है। जबकि विदिशा से चुनाव जीतकर सांसद बने शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चर्चाएं चल रही हैं।
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भोपाल के हिस्से में भी आएगा मंत्री पद?
इस बार लोग बीजेपी आलाकमान की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं। चर्चा है कि इस बार राजधानी के सांसद को भी केंद्र में जगह मिल सकती है। बता दें कि यहां से 1989 से 1998 तक लगातार चार बार सांसद रहे सुशील चंद्र वर्मा भी केंद्र में मंत्री नहीं बन पाए। हालांकि 1999 में उमा भारती बीजेपी से सांसद बनीं और तत्कालीन अटल सरकार में कैबिनेट राज्य मंत्री भी बनीं। 2004 से 2014 तक कैलाश जोशी भोपाल से सांसद रहे। वो केंद्रीय समितियों में जरूर रहे लेकिन उन्हें भी मंत्री पद नहीं मिला। 2014 में आलोक संजर और 2019 में प्रज्ञा सिंह ठाकुर बीजेपी से भोपाल की सांसद रहीं। जबकि इस बार आलोक शर्मा को मतदाताओं ने जिताया है।
बता दें कि मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्व सीएम कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ को छिंदवाडा से सांसद बनाकर अपना गढ़ बचाने में कामयाब हो गए थे। लेकिन इस बार बीजेपी के क्लीन स्वीप से छिंदवाड़ा भी अछूता नहीं रहा और प्रदेश की सभी 29 सीटों पर बीजेपी का कमल खिल गया। इस लिहाज से प्रदेश के नवनिर्वाचित सांसदों को (MODI CABINET 3.0) मंत्रिमंडल में जगह मिलने की उम्मीद है। हालांकि बीजेपी हाईकमान ने 7 जून को प्रदेश के 29 सांसदों को दिल्ली में बुलाया है।जहां बीजेपी आलाकमान उनके साथ बैठक करेगा।