मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने जमीन विवाद में एक किसान की हत्या के कथित प्रयास के 17 साल पुराने मामले में कारोबारी अक्षय कांति बम  और उनके पिता की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को मंजूर कर ली. कोर्ट के इस फैसले से पिता-पुत्र को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि निचली अदालत के 19 दिन पहले जारी वारंट के चलते उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी.

सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने दी जमानत

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच के जस्टिस प्रेमनारायण सिंह ने सभी संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बम और उनके पिता कांतिलाल को अग्रिम जमानत दे दी. बता दें कि पिता-पुत्र ने हाईकोर्ट में 9 मई को याचिका दायर करते हुए अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी, लेकिन वकीलों के निवेदन के चलते इस याचिका पर 17 मई और 24 मई की दो पिछली तारीखों पर सुनवाई आगे बढ़ा दी गई थी.

सेशन कोर्ट ने जारी किया था गिरफ्तारी वारंट

इंदौर के एक सेशन कोर्ट ने बम और उनके पिता के खिलाफ 10 मई को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन पिता-पुत्र को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी. बचाव पक्ष के वकील अजय मिश्रा ने मीडिया से कहा, “जब 2007 में किसान युनूस पटेल ने बम और उनके पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, तब उन्होंने खुद पर गोलीबारी की कोई बात नहीं की थी. एफआईआर दर्ज किए जाने के 17 साल के लंबे अंतराल के बाद पटेल ने जिला अदालत में अर्जी दायर करके खुद पर गोलीबारी का आरोप लगाया. जिसके बाद अदालत ने इस एफआईआर में आईपीसी की धारा 307 जोड़ने का आदेश दिया.”

इस आधार पर मिली जमानत

वकील अजय मिश्रा ने बताया कि पिता-पुत्र की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस के दौरान पटेल द्वारा यह आरोप लगाने में की गई देरी की ओर हाईकोर्ट का ध्यान खींचा गया. ‘हमने हाईकोर्ट से कहा कि बम और उनके पिता की शहर में कई चल-अचल संपत्तियां हैं और ऐसे में उनके फरार होने की कोई संभावना नहीं है’

इंदौर लोकसभा सीट से पर्चा वापस लेकर चर्चा में आए थे बम

बम 29 अप्रैल को उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इंदौर लोकसभा सीट से ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. उनके इस पालाबदल से कांग्रेस इस सीट के 72 साल के इतिहास में पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई थी.