जबलपुर। किताब और फीस में गड़बड़ी करने वाले 11 स्कूल संचालकों को हिरासत में लिया गया है। रात भर चली जांच-पड़ताल के बाद सुबह-सुबह दबिश दी गई थी। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने मामले आज दोपहर ​खुलासा किया है, जिसमें करोड़ों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। ये सरकार और जनता को धोखा दे रहे थे। कार्रवाई से निजी स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई संस्कारधानी जबलपुर में देखने को मिली है। मनमानी फीस वसूली मामले की जांच पड़ताल चल रही थी। जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फीस और किताबों में अनियमितताएं बरतने वाले जबलपुर के 11 निजी स्कूलों के विरुद्ध एफआईआर की गई है जिसमें 80 से अधिक आरोपी बनाए गए हैं।

शिक्षा माफिया के बीच हड़कंप

यह आरोपी निजी स्कूलों के प्रिंसिपल, अधिकारी या प्रबंधन से जुड़े हुए हैं इनके अलावा निजी बुक सेलर्स के संचालकों को भी आरोपी बनाया गया है। खास बात यह है कि शुरुआती जांच में ही करोड़ों की अतिरिक्त वसूली के प्रमाण पुलिस और प्रशासन को मिले हैं जिसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। निजी स्कूलों पर की गई इस कार्रवाई से शिक्षा माफिया के बीच हड़कंप की स्थिति देखने को मिल रही है।

लगातार बीते 4 महीनों से जिले के कलेक्टर दीपक सक्सेना के मार्गदर्शन में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली, प्राइवेट बुक सप्लायर और निजी स्कूलों के साथ सांठ गांठ समेत स्टेशनरी और यूनिफॉर्म जैसे बड़े नेक्सस का भंडाफोड़ करने पर प्रशासन को बड़ी सफलता हाथ लगी है। आंकड़ों में समझे तो जबलपुर में कुल 1037 निजी स्कूल संचालित होते हैं जो सीबीएसई आईसीएसई या एमपी बोर्ड से सम्बद्ध है। शुरुआती जांच में जो ढाई सौ शिकायत कलेक्टर के समक्ष पहुंची थी उनकी जांच पड़ताल के दौरान शहर के सभी प्रमुख निजी बुक सेलर्स और स्कूलों के खिलाफ जांच शुरू की गई। 8 एसडीएम, 12 तहसीलदार, 25 शिक्षा अधिकारी, 60 अन्य कर्मचारियों ने पांच आकस्मिक छापे और 50 से अधिक स्कूलों की व्यक्तिगत मौजूदगी में जांच पड़ताल की इसके अलावा कलेक्टर द्वारा भी दो खुली सुनवाई का आयोजन किया गया।

पहले चरण की जांच का नतीजा यह रहा की 11 निजी विद्यालय मनमानी फीस वसूली, फर्जीवाड़ा कर निजी बुक सेलर से कमीशन पर किताबों की बिक्री और यूनिफॉर्म स्टेशनरी में अभिभावकों को लूटने के दोषी पाए गए। इन 11 स्कूलों में 21000 विद्यार्थी अध्यनरत हैं जिनसे 81.30 करोड़ की अतिरिक्त फीस वसूली की गई। इनके विरुद्ध प्रशासन ने 22 लाख का अर्थ दंड अधिरोपित किया है वहीं 81 करोड़ की फीस वापसी के नोटिस भी दे दिए हैं।

फिलहाल पुलिस ने नौ थानों में अलग-अलग 11 FIR दर्ज की हैं जिनमें कुल 80 आरोपी बनाए गए हैं फिलहाल पुलिस ने 20 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि अन्य के विरुद्ध भी गिरफ्तारी के प्रयास किया जा रहे हैं।

88% किताबें भी फर्जी ISBN नंबर की
शुरुआती जांच में जिला प्रशासन में पुलिस ने जबलपुर के क्राइस्ट चर्च सालीवाडा, लिटिल वर्ल्ड स्कूल, स्टेम फील्ड इंटरनेशनल स्कूल, ज्ञान गंगा ऑर्किड, चैतन्य टेक्नो स्कूल, क्राइस्ट चर्च आईएससी स्कूल, सेंट अलोयसियस पोलीपाथर स्कूल, क्राइस्ट चर्च डाइसेशन स्कूल, सेंट अलोयसियस सदर स्कूल, सेंट अलोयसियस रिमझा और क्राइस्ट चर्च बॉयज स्कूल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की है खास बात यह है कि इन स्कूलों में खरीदी गई 88% किताबें भी फर्जी ISBN नंबर की मिली थीं जिसमें 60 फीसदी कमीशन होने का मामला भी उजागर हुआ था।