भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन हरदा विधायक रामकिशोर दोगने सुतली बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका। इसके बाद सदन में हरदा हादसे पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। मुख्यमंत्री मोहन यादव से विधानसभा कक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मुलाकात की।
सदन में विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार किया। हरदा हादसे पर चर्चा शुरू हुई। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि हरदा की घटना गंभीर है। सीएम मोहन यादव को सदन में होना चाहिए था। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम गंभीर हैं। हादसे पर हम गंभीरता से चर्चा करेंगे।
हरदा हादसे को लेकर कांग्रेस आक्रामक हो गई है। गुरुवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले हरदा विधायक आरके दोगने बम की माला पहनकर विधानसभा पहुंचे। उन्होंने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया। उन्होंने कहा कि चार लाख रुपये मुआवजे और कलेक्टर-एसपी को हटाने से कुछ नहीं होगा। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हालांकि जब दोगने को सुरक्षाकर्मियों ने सदन में घुसने से रोका तो वह कहने लगे कि कागज की माला है। दरअसल, यह माला कागज की थी ये बम असली नहीं थे।
कांग्रेस बम आतंकवाद की जड़
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा का दोगने पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस वैसे ही बम की माला पहनकर घूम रही है। उन्होंने कांग्रेस बम आतंकवाद की जड़ है। कांग्रेस तमाशा न करे और मानवीय आधार पर सरकार की कार्रवाई में सहयोग करे, बम की माला पहनने का लोकतंत्र के जनप्रतिनिधियों को शोभा नहीं देता।
सरकार ने दिखाई तत्परता
स्थगन प्रस्ताव पर मंत्री उदय प्रताप सिंह का सदन में हरदा मामले को लेकर कहा कि इस घटना को शीघ्रता के साथ सरकार ने संज्ञान लिया है। तत्परता के कारण कई लोगों की हम जान बचा पाए। घायल के इलाज और तुरंत आर्थिक सहायता देने का सरकार ने काम किया। विषय काफी गंभीर और दुःखद है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है यह जांच का विषय है मैं इस पर कोई बयान नहीं देना चाहता। मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं कि घटना पर तत्परता दिखाई।
सही आंकड़े बताएँ
स्थगन प्रस्ताव पर रामनिवास रावत ने सदन में कहा- विस्फोट अधिनियम और फायर सेफ्टी अधिनियम का पालन क्यों नहीं हुआ। जो घटना के लिए जिम्मेदार हैं। वही मौत के लिए जिम्मेदार हैं उन्हें सामने लाया जाए। मृतकों के परिजन को 25-25 की लाख सहायता, परिवार के सदस्य को नौकरी दी जाए। प्रशासन जांच नहीं कर पाया कर पाएगा। न्यायिक जांच होना चाहिए। उन्होंने मृतकों के आंकड़ों पर सवाल खड़े किए। हादसे से 600 मकान ध्वस्त हुए हैं। सही आंकड़े जारी किए जाएं।
सीएम मोहन यादव का सदन में संबोधन
हमारे पास जैसे ही जानकारी आई हमने कैबिनेट बैठक रोक कर पूरी जानकारी ली। हमने 50 मिनट के अंदर ही आपात बैठक बुलाई। एक टीम को हरदा भेजा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 12:20 मिनिट पर जानकारी दी। हम ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया बर्न यूनिट को ओर भी विकसित करना जरूरी है। हमने 100 से ज्यादा गाड़ियाँ वहां पहुँचाई। मैं एक-एक घायल से मिलकर आया। एक बहादुर महिला से मुलाकात हुई उसका विस्फोट में हाथ उड़ गया था।
जब पहला विस्फोट हुआ तब लोग दौड़ के वहाँ से निकल गए। सीएम मोहन यादव ने फायर बिग्रेड के कर्मचारियों तारीफ की। फैक्ट्री के आसपास पीएम आवास के आवास बनाना एक गलती थी। किसकी सरकार में हुई इसमें नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन इसकी भी जांच होगी। अधिकारियों को इसलिए हटाया गया है, ताकि अगर उनके संरक्षण में अनियमितता हुई है तो वो जांच को प्रभावित कर सकते हैं। हरदा हादसे को लेकर सीएम ने जांच का आश्वाशन दिया।