सुकमा। छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद (Anti Naxal Campaign) को खत्म करने के लिए चलाये जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन तहत सुकमा पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस और सीआरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई में 5 लाख की इनामी महिला नक्सली को गिरफ्तार किया गया है।

जानकारी के मुताबिक सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा समेत ओडिशा (Anti Naxal Campaign) के सीमाई इलाकों में एक्टिव रहने वाली महिला नक्सली बीते 15-16 वर्षों से थी नक्सली एक्टीविटीज में शामिल थी। वह साल 2013 के झीरम घाटी हमले और 2019 में हुई श्यामगिरी घटना में शामिल थी।

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11 नक्सलियों ने किया सरेंडर

इससे पहले विश्व आदिवासी दिवस के दिन 11 नक्सलियों ने सरेंडर कर माओवादियों को झटका दिया था। सरेंडर करने वालों में 5 महिला नक्सली भी शामिल हैं। इन सभी पर सरकार ने 1 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को नियद नेल्लानार योजना के तहत सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक ये सभी लंबे समय से नक्सल गतिविधियों से जुड़े रहे हैं। पकड़ाए गए सभी नक्सली सुकमा जिले में एक्टिव थे। सुरक्षाबलों को लंबे समय से इनकी तलाश थी। बस्तर के अलावा बीजापुर में भी दो इनामी नक्सलियों समेत तीन माओवादियों ने सरेंडर किया है। इनमें से एक पर आठ लाख का इनाम था.

सुकमा के एएसपी ने कहा, ”जिले में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। सरकार की नियद नेल्लानार योनजा का फायदा अंदरूनी इलाके में रहने वाले लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। भटके हुए माओवादियों से हम लगातार सरेंडर करने की अपील कर रहे हैं। सरकार की नई पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आज विश्व आदिवासी दिवस पर 11 माओवादियों ने सरेंडर किया है।”

बता दें कि एंटी नक्सल अभियान और नियद नेल्लारनार योजना के तहत सुरक्षाबलों को लगातार कामयाबी मिल रही हैं। एक के बाद एक कई नक्सली जहां गिरफ्तार हो रहे हैं, वहीं कई नक्सलवाद का रास्ता छोड़ आम जिंदगीं जीना चाहते हैं। राज्य की साय सरकार छत्तीसगढ़ से लाल आतंक को खत्म करने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है।