छत्तीसगढ़ न्यूज : अयोध्या में आने वाली 22 जनवरी को लेकर तैयारियां जोरो शोरों पर हैं. रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और भव्य मंदिर के निर्माण में जिस तरह पूरा देश ही नहीं बल्कि विदेश भी भक्तिमय हो गए हैं । इसी संदर्भ में हम आपको बताएंगे सीतामढ़ी की कहानी, प्रभु श्रीराम ने अपने 14 साल के वनवास के दौरान माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ छत्तीसगढ़ के भरतपुर विकासखंड के ग्राम हरचोका मवई नदी के किनारे अपना समय बिताया, 4 महीने के समय अंतराल के लिए प्रभु श्रीराम माता जानकी और अनुज लक्ष्मण संग इस तट पर रुके थे . तभी से इस स्थान को सीतामणि के नाम से जाना जाता है।
एमपी से छत्तीसगढ़ प्रवेश पर पहला स्थान जहां पड़े राम पग
मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ प्रवेश के दौरान यह पहला स्थान है जहां श्रीराम पहुंचे थे। आज हम आप को इस जगह के इतिहास के बारे में बताते हैं। प्रभु श्री राम वनवास काल के समय कैसे यहां पर आए और इस स्थान को लेकर कौनसीं दंतकथाएं हैं प्रचलित
कैसे पड़ा सीतामढ़ी / सीतामणि नाम
माना जाता है कि त्रेता कल के समय जब प्रभु श्रीराम जी को 14 वर्ष की वनवास हुआ तब राम जी माता सीता और छोटे भाई लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या से पुरे भारतवर्ष भर अपना समय कल को बिताते हुए श्रीलंका पहुचे थे इसी बीच छत्तीसगढ़ के भरतपुर ब्लॉक के ग्राम हरचोका के समीप मवई नदी के तट पर भी रुके थे, बताया जाता है की तब से इस स्थान का नाम सीता माता के नाम पर सीतामढ़ी रखा गया।
जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर दूर
छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिला मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र में मवई नदी किनारे स्थित सीतामढ़ी-हरचौका की इस गुफा में 17 कमरे हैं. इस दिव्य स्थान को सीता की रसोई के नाम से जाना जाता है। गुफा में 12 शिवलिंग स्थापित हैं. लोगों का मानना है कि गुफा में रहते हुए प्रभु श्री राम शिवलिंग की पूजा किया करते थे.
एक तट एमपी में तो दूसरा छत्तीसगढ़ में
मवई नदी के किनारे बसे प्राचीन मंदिर में की खास बात है कि उसका एक तट मध्यप्रदेश की सीमा में आता है और दूसरा छत्तीसगढ़ में
क्या कहती हैं मान्यताएं
पहली मान्यता है कि भगवान श्रीराम के आगमन से पूर्व यहां विश्वकर्मा भगवान आये थे । उनके द्वारा ही भगवान श्रीराम के रुकने के लिए इस गुफा का निर्माण किया गया था।
दूसरी मान्यता है की यहाँ माता सीता की रसोई है जहां सीता माता खाना बनती थी। यहां माता सीता के साथ 7 बहनों की प्रतिमा भी स्थापित है । साथ ही श्रीराम और लक्ष्मण जी की प्रतिमा भी स्थापित है।
पीएम मोदी की देश से अपील
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देश वासियों से भी 22 जनवरी के दिन अपने अपने घरों में “श्री राम ज्योति” जलाने की अपील की है ।पीएम मोदी की अपील पर स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है, छत्तीसगढ़ प्रशासन भी इसे लेकर तैयारियों में जुटा हुआ है, मंदिरो में स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन भी किया जा रहा है ।