भोपाल, मनोज राठौर। राजनीति की प्रयोग की कार्यशाला कही जाने वाली बीजेपी में अब लोकसभा चुनाव के टिकट पर भी चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं। प्रदेश में 62 फीसदी नेताओं को दोबारा टिकट नहीं दिये जायेंगे। बीजेपी के इस फॉर्मूले से नेताओं में हड़कंप का माहौल है। देखिए हमारी ये रिपोर्ट…
-लोकसभा चुनाव में BJP का ‘टिकट’ फॉर्मूला
-एमपी की 29 सीटों पर बदलाव की बहार
-अब की बार चौंकाने वाले चेहरों पर दांव
-62 फीसदी चेहरों पर लटकी तलवार
-18 सीटों पर रिपीट नहीं होगा टिकट !
बीजेपी में मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर नामों को लेकर मंथन जारी है। केंद्रीय नेतृत्व नामों पर फाइनल मोहर लगायेगा। फॉर्मूला भी हाईकमान का ही चलेगा। सूत्रों की माने, तो बीजेपी नेतृत्व के फॉर्मूले से कई सांसदों को टिकट कटने का डर सताने लगा है। प्रदेश के 62 फीसदी नेताओं के टिकट कटने की सियासी चर्चा भी है।
ये है टिकट कटने का गणित
-29 लोकसभा सीटों में 5 सीट रिक्त
-सांसद से विधानसभा अध्यक्ष बने नरेंद्र सिंह तोमर
-सांसद से सीधी विधायक बनी रीति पाठक
-सांसद से मंत्री बने प्रह्लाद पटेल, राकेश सिंह, राव उदयप्रताप सिंह
प्रदेश की 29 संसदीय सीटों में से पांच सीटें रिक्त हैं। सांसद गणेश सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते विधानसभा चुनाव हार गए थे। सूत्रों के अनुसार बीजेपी के फॉर्मूले में 3 या उससे अधिक बार के सांसदों के टिकट कटे जा सकते हैं। 10 संसदीय सीटों पर बीजेपी नये चेहरों को मौका दे सकती है। साथ ही कमजोर प्रदर्शन वाले सांसदों के टिकट पर भी खतरा मंडरा रहा। पार्टी काफी पुराने चेहरों को उतारने से परहेज कर सकती है।
इनके टिकट पर खतरा !
-सांसद गणेश सिंह
विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए। सतना लोकसभा सीट पर बीजेपी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है
-केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक
टीकमगढ़ सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार 6 बार के सांसद है। उनकी दावेदारी पर भी विचार चल रहा है
-सांसद रोडमल नागर
राजगढ़ से सांसद रोडमल नागर की दावेदारी पर भी विचार चल रहा। उनका क्षेत्र में विरोध है
-सांसद छतर सिंह दरबार
धार के छतर सिंह दरबार 3 बार के सांसद है
-फग्गन सिंह कुलस्ते
मंडला से 6 बार के सांसद हैं। वह विधानसभा चुनाव हार गए। टिकट संशय बरकरार
-ग्वालियर से विवेक नारायण शेजवलकर, सागर से राजबहादुर सिंह, रीवा से जनार्दन मिश्रा, भोपाल से प्रज्ञा सिंह ठाकुर, विदिशा से रमाकांत भार्गव, शहडोल से हिमाद्री सिंह, मंदसौर से सुधीर गुप्ता और खरगोन से गजेंद्र सिंह पटेल की जगह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता।
कमजोर प्रदर्शन की वजह से इनके टिकट पर विचार किया जा रहा
कांग्रेस बीजेपी के इस फार्मूले को निपटाने वाला फॉर्मूला बता रही। प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा का कहना है कि बीजेपी में एक दूसरे को लूप लाइन में डालने के लिए कसरत चलती रहती है। विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद बीजेपी लोकसभा चुनाव के रंग में रंग गई है। परिवर्तन की राजनीति में विश्वास करने वाली बीजेपी अब लोकसभा चुनाव में भी नये प्रयोग के साथ उतरी है। ऐसे में मध्यप्रदेश की लोकसभा सीटों पर चौंकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं।