भोपाल। लोकसभा में विपक्ष नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi statement controversy) अपने तीन दिवसीय अमेरिका के दौरे पर हैं। जहां 8 सितंबर को उन्होंने डलास की टेक्सास यूनिवर्सिटी में छात्रों और भारतीय समुदाय के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने अपने लोकसभा में दिए अभय मुद्रा वाले बयान को फिर से दोहराया।
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अब राहुल गांधी (Rahul Gandhi statement controversy) के इस बयान पर बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने सियासी हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘राहुल गांधी ने पहले संसद में और अब अमेरिका में हमारे देवी देवताओं की अभय मुद्रा की चर्चा की। दूसरे हाथ को भी हम देखें जिसमें त्रिशूल, तलवार या धनुष बाण है। वह एक हाथ की अभय मुद्रा और एक हाथ का शस्त्र क्या कहता है? ठीक से चलो तो अभय और मर्यादाएं लांघीं तो शस्त्र का प्रयोग। राहुल गांधी थोड़ा दूसरे हाथ की भी चर्चा करें।’
1. राहुल गांधी जी ने पहले संसद में और अब अमेरिका में हमारे देवी देवताओं की अभय मुद्रा की चर्चा की। दूसरे हाथ को भी हम देखें जिसमें त्रिशूल, तलवार या धनुष बाण है।
2. वह एक हाथ की अभय मुद्रा और एक हाथ का शस्त्र क्या कहता है? ठीक से चलो तो अभय और मर्यादाएं लांघीं तो शस्त्र का…
— Uma Bharti (@umasribharti) September 9, 2024
राहुल के इस बयान पर मचा बवाल
दरअसल, राहुल गांधी ने टेक्सास में आयोजित हुए कार्यक्रम के दौरान कहा कि वर्तमान में भारत की राजनीति से प्यार, सम्मान और विनम्रता गायब हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में रोजगार की समस्या है। भारत में भी रोजगार की समस्या है लेकिन चीन में रोजगार की समस्या नहीं है। इसी तरह वियतनाम में भी रोजगार की समस्या नहीं है। दुनिया में कई देश हैं जो बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। जिसकी वजह से चीन वैश्विक उत्पादन पर हावी हो रहा है।
अमेरिका, यूरोप और भारत ने उत्पादन का विचार छोड़ उसे चीन को सौंप दिया है। उत्पादन रोजगार पैदा करता है। भारत को भी चीन के जैसे ही उत्पादन के कार्य और आयोजन के बारे में विचार करना होगा। यदि हम ऐसा ही करते रहे तो हाई लेवल की बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि आरएसएस का मानना है कि भारत एक विचार है लेकिन हमारा मानना है कि भारत में विचारों की बहुलता है। यहां के सभी लोगों को इसमें शामिल होने और सपने देखने की अनुमति दी चाहिए। इसमें धर्म, जाति, भाषा, परंपरा या इतिहास को परे रख उन्हें जगह दी जानी चाहिए।
बता दें कि जुलाई में बतौर विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान भगवान शिव की अभय मुद्रा का जिक्र किया था। उन्होंने अपने भाषण के बीच भगवान शिव की तस्वीर दिखाकर भाजपा पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था कि अभय मुद्रा का हिंदू धर्म समेत अन्य धर्मों में बड़ा महत्व है, जिसका संकेत भय से मुक्ति और सुरक्षा की भावना है। उन्होंने इसकी तुलना कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से करते हुए कहा था कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह भी इसी अभयमुद्रा के जैसा है। राहुल का अर्थ है, ‘डरो मत, डराओ मत।’ राहुल के इस बयान पर उस समय जमकर सियासी बवाल मचा था।