ग्वालियर,प्रह्लाद सेन । ग्वालियर-चंबल अंचल में कांग्रेस के भीतर नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है, अब राहुल गांधी की 2 मार्च को ग्वालियर आ रही न्याय यात्रा के स्वागत में लगाए गए होर्डिंग पोस्टर में गुटबाजी की तस्वीरें देखने को मिली है।
होर्डिंग और पोस्टर में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता गायब
शहर में जो होर्डिंग और पोस्टर लगे हैं, उनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह, पीसीसी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत, कांग्रेस के दलित नेता फूल सिंह बरैया, पूर्व विधायक प्रवीण पाठक, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव पूरी तरह गायब नजर आ रहे हैं। हालांकि कांग्रेस गुटबाजी पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस का दावा है कि न्याय यात्रा पूरी तरह सफल, साबित होने जा रही है, कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है। कांग्रेस में हर नेता का सम्मान है। बीजेपी बेवजह इस मामले को तूल दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि जो गुटबाजी करते थे, वह अब कांग्रेस पार्टी से जा चुके हैं, इसलिए कांग्रेस अब पूरी तरह आपसी गुटबाजी से मुक्त है।
बीजेपी का आरोप
न्याय यात्रा की होर्डिंग पोस्टर में गायब नेताओं के बहाने बीजेपी ने कांग्रेस को निशाने पर ले लिया है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस में इन नेताओं की कोई कद्र नहीं है, इसलिए बीजेपी ने लगे हाथ पीसीसी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दिया है।
बीजेपी ने कांग्रेस के खातिर अपना मुंह काला करने वाले दलित नेता फूल सिंह बरैया के प्रति भी सहानुभूति जताई है। बीजेपी साफ कह रही है कि कांग्रेस में संगठन नाम की कोई चीज नहीं है। कांग्रेस पार्टी नेताओं के खेमे में बटी हुई है। इसलिए इस तरह से सम्मानित नेताओं की अनदेखी कांग्रेस कर रही है।
लोकसभा इलेक्शन पर असर
कुल मिलाकर एक तरफ राहुल गांधी की न्याय यात्रा के बहाने कांग्रेस ग्वालियर चंबल अंचल में अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रही है।दूसरी तरफ कांग्रेस आंतरिक गुटबाजी से जूझ रही है. ऐसे में अगर कांग्रेस के भीतर गुटबाजी जारी रही तो, कांग्रेस को लोकसभा इलेक्शन में मुश्किल होगी ।
शाह का मंत्र
ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया के जाने के बाद पहले ही कांग्रेस की हालत खस्ता है और ऐसे में कांग्रेस के नेता एक दूसरे की टांग खींचने से बाज नहीं आ रहे। अगर यह सब जारी रहा तो कांग्रेस के लिए लोकसभा इलेक्शन में जीत हासिल करना बड़ी चुनौती होगा। क्योंकि देश के गृहमंत्री अमित शाह पहले ही यह मैसेज दे चुके हैं कि जो कांग्रेस के असंतुष्ट नेता हैं उन्हें भाजपा में शामिल कर लिया जाए। बीजेपी ऐसे नेताओं पर नजर बनाए हुए हैं जिनकी कांग्रेस पार्टी में अनदेखी हो रही है। अब देखना होगा कि इस गुटबाजी क्या कुछ परिणाम होगा…