भोपाल। दीपावली के बाद पटाखों के कचरे से भोपाल में ईंधन (फ्यूल) बनाया जाएगा। भोपाल नगर निगम (बीएमसी) ने यह पहल शुरू की है। इससे जहां प्रदूषण कम होगा, वहीं स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा। इसी के साथ बीएमसी देश का पहला ऐसा निकाय बन गया है जो घरेलू खतरनाक कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निपटान करेगा और इसे वैकल्पिक ईंधन में बदलेगा। इसके लिए बीएमसी ने पीथमपुर के एक विशेष प्लांट के साथ समझौता किया है। (Bhopal News)

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ट्रांसफर स्टेशनों पर जाएगा कचरा

बीएमसी द्वारा कचरे को एकत्रित करके ट्रांसफर स्टेशनों पर ले जाया जाएगा। जहां उसे अलग-अलग किया जाएगा। इसमें से खतरनाक कचरे को पीथमपुर भेजा जाएगा, जहां उद्योग इस कचरे के प्रसंस्करण से लाभान्वित होते हैं। दो ट्रांसफर स्टेशनों एकत्रित किए गए खतरनाक कचरे का पहला जत्था गुरुवार को पीथमपुर प्लांट भेजा गया। (Bhopal News)

इसे लेकर बीएमसी कमिश्नर हरेंद्र नारायण का कहना है कि यह तरीका जितना सरल है उतना ही प्रभावशाली भी है। उन्होंने आगे कहा कि इकट्ठा किया गया खतरनाक कचरा पीथमपुर प्लांट में एक उच्च तकनीक प्रक्रिया से प्रोसेस होकर गुजरेगा, फिर इसे वैकल्पिक फ्यूल में बदला जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि हानिकारक कचरे का सुरक्षित ढंग से प्रबंधन हो।

प्रदूषण होगा कम

भोपाल का मॉडल दूसरे शहरों के लिए मानक तय कर सकता है। यह प्रक्रिया स्वच्छ भारत मिशन का ही एक भाग है। इसमें पटाखों के कचरे को वैज्ञानिक पद्धति से उपयोगी फ्यूल में बदला जाएगा। विशेषज्ञों से मुताबिक इससे न केवल कचरा प्रबंधन में मदद मिलेगी बल्कि स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को भी बढ़ावा मिलेगा। यह पहल दिवाली के बाद होने वाले प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा में मददगार साबित होगी।