रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम नगर निगम ने यूपी की योगी सरकार की तर्ज पर एक आदेश पारित किया है। जिसमें कहा गया है कि इस बार नवरात्रि मेले में दुकान लगाने वाले व्यापारियों को बोर्ड पर अपना नाम भी लिखना होगा। नगर निगम के इस फैसले का विरोध भी होना शुरु हो गया है। शहर का मुस्लिम पक्ष इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। (Ratlam News)

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गौरतलब है कि रतलाम के कालिका माता मंदिर में नवरात्रि के मौके पर 9 दिवसीय गरबा रास होता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं। इस बार मेला 3 से 12 अक्टूबर तक दस दिवसीय नवरात्रि मेला लगेगा। यहां केवल मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के व्यापारी दुकान लगाते रहे हैं। दुकान पर दुकानदार के नाम का बोर्ड लगाने का निर्णय यहां पहली बार लागू हो रहा है। (Ratlam News)

सुप्रीम कोर्ट जाएगा मुस्लिम

उधर, नगर निगम के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताते हुए मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है। शहर काजी सैयद आसिफ ने कहा, ‘ऐसा फैसला यूपी में योगी सरकार ने भी लिया था। इसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत रतलाम नगर निगम से ऑर्डर कॉपी मांगी गई है। इसके मिलते ही एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन फॉर सिविल राइट्स, दिल्ली की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।’

नगर निगम ने दिया ये तर्क

वहीं इस मामले में नगर निगम का कहना है कि यह फैसला बिचौलियों पर रोक लगाने के लिए लिया गया है। निगम के राजस्व प्रभारी दिलीप गांधी ने कहा, ‘मेले में रतलाम के अलावा बाहर से कई लोग दुकान लगाने के लिए आते हैं। यह निर्णय इसलिए लेना पड़ा क्योंकि कोई बिचौलिया नहीं आए, वास्तविक व्यापारी को ही दुकान मिले। टेंडर होने के बाद एक स्वीकृति पत्र दिया जा रहा है, जो दुकान पर आधार कार्ड के साथ रखना होगा। जब भी कोई जांच करने आता है तो दुकानदार को यह दिखाना होगा।’

उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी मंशा यह है कि जिस व्यक्ति के नाम से दुकान का टेंडर हुआ है, उसी को दुकान मिलनी चाहिए। उत्तर प्रदेश का निर्णय प्रदेश स्तर पर था। हमने केवल कालिका माता मंदिर मेला ग्राउंड तक की बात की है। जिस किसी के नाम का टेंडर खुले, वह अपना रजिस्ट्रेशन अपने पास रखे और बोर्ड पर प्रोपराइटर का नाम जरूर लिखे।’