भोपाल। पूरे देश में इस समय साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ये जालसाज रोज नए-नए तरीके आजमाकर लोगों के अकाउंट खाली कर रहे हैं। इस कड़ी में मध्य प्रदेश की मोहन सरकार में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के पोते आकाश का नाम शामिल हो गया है। साइबर ठगों ने लेबर सप्लाई का ठेका दिलाने के नाम पर उनके साथ 3.19 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। आकाश की शिकायत पर भोपाल सायबर क्राइम ब्रांच ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। (Bhopal cyber fraud)

पुलिस ने भोपाल से सैल अली चऊस नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। हालांकि मुख्य आरोपी राकेश यादव अभी भी फरार चल रहा है, पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। (Bhopal cyber fraud)

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क्या है पूरा मामला?

पुलिस को दी शिकायत में आकाश ने बताया कि इसी साल 20 मार्च को उनके पास प्राइवेट कंपनी में लेबर सप्लाई के टेंडर के लिए फोन आया था। फोन करने वाले शख्स ने अपना नाम आरके यादव (सैफ अली चाऊस) बताया था। उसने आकाश से पूछा कि क्या आप लेबर सप्लाई में काम करते हैं।

जिस पर आकाश ने कहा कि वे ठेकेदारी का काम करते हैं। इस पर कॉलर ने कहा कि उन्हें काम का टेंडर मिल जाएगा। इसके लिए क्यूआर कोड पर एक एंट्री करनी होगी, जिसके बाद काम अलॉट हो जाएगा।

इसके बाद उसने आकाश से कहा कि टेंडर पाने के लिए आपको जल्द ही वेंडर कोड जनरेट करना होगा। ठग ने आकाश के व्हाट्सएप पर क्यूआर कोड भेजकर निर्धारित शुल्क जमा करने के लिए कहा। आकाश उसके झांसे में आ गए और ठग के कहे अनुसार 20 मार्च 2024 को अलग-अलग बैंक खातों से 3 लाख 19 हजार रुपये ऑनलाइन उसके बताये खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठग ने अपना फोन बंद कर लिया।

इसके बाद आकाश ने साइबर क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत की। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि जालसाज ने आकाश द्वारा भेजी रकम को बैंक ऑफ इंडिया के एक खाते में ट्रांसफर कराया है। जिसके बाद पुलिस ने बैंक खाते को होल्ड करा दिया। हालांकि खाता होल्ड होने से जालसाज ने ठगी का पूरा पैसा एक अन्य सहकारी बैंक के खाते में ट्रांसफर कर लिया। इसके बाद भोपाल साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने सहकारी बैंक के बारे में जानकारी जुटाकर खाते को फ्रीज करवा दिया है।

यह दोनों खाते सैफ अली ही इस्तेमाल करता है। आरोपी सैफ को अपना सहकारी बैंक से साइबर क्राइम भोपाल को भेजा गया नोटिस मिल गया था। इसके बाद उसने साइबर क्राइम भोपाल की ईमेल आईडी dspcrimebho@mp.gov.in जैसी एक आईडी dspcrimebho@mpgovr.in बनाई। नोटिस के विवरण में खाता खुलवाने के लिए बदलाव कर अपने सहकारी बैंक की ईमेल आईडी पर खाता खुलवाने के लिए मेल कर दिया। बैंक को इस मेल आईडी पर शक हुआ, जिसके बाद उसने इसकी सूचना साइबर क्राइम भोपाल को दी। इसके बाद पुलिस ने भोपाल से सैफ अली को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में कई नामों का खुलासा

एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि साइबर क्राइम भोपाल ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। साइबर क्राइम में बहुत दिनों पहले ऑनलाइन ठगी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसमें कंपनी में लेबर कॉन्ट्रैक्ट के नाम पर 3.19 लाख रुपये की ठगी की गई थी।

उन्होंने आगे बताया कि मुंबई के जिस खातेदार के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए गए थे, उस खाते को हमने होल्ड कराया। इसके बाद खाता खुलवाने के लिए आरोपी ने क्राइम ब्रांच की नकली ईमेल आईडी बनाकर ईमेल भेजा था। इस ईमेल आईडी के फर्जी होने की जानकारी मिली तो आरोपी पर केस दर्ज कर गिरफ्तारी की गई है।

एडिशनल डीएसपी ने बताया कि मामले के दूसरे आरोपी को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है। गिरफ्तार आरोपी सैफ ने पूछताछ में अन्य कई नामों का खुलासा किया है।