प्रदेश की 29 में से 29 सीटें जीतने बीजेपी का मेगा प्लान, कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पर प्राइम टारगेट, कमलनाथ के विकास मॉडल की बीजेपी ने खोजी काट, बीजेपी ने ढूंढी छिंदवाड़ा मॉडल की काट… 2003 के बाद हुआ छिंदवाड़ा का विकास 

भोपाल, प्रखर जैन। विधानसभा चुनाव और मोदी के मैजिक के बलबूते लोकसभा 2024 के चुनावी मैदान में उतरी बीजेपी मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने नई नई रणनीति पर काम कर रही है। अब आचार संहिता लगते ही बीजेपी ने कांग्रेस के एमपी में एकमात्र गढ़ छिंदवाड़ा को भेदने के लिए एक नई और अनोखी योजना तैयार की है। आखिर क्या है बीजेपी का नया मास्टर स्ट्रोक देखिए हमारी रिपोर्ट…

सियासी आसमान में अब चुनावी रंग पूरी तरह से चढ़ गया है। मध्यप्रदेश की सियासत की धुरी जिन दो ध्रुवों यानी बीजेपी और कांग्रेस… दोनों ही ध्रुव अपनी तैयारियों को धार देने में लगे हुए हैं। ज्यादा से ज्यादा नुकसान कैसे दूसरे को पहुंचाया जा सके इसका नीति निर्धारण भी अब जोरों शोरों से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में लोकसभा की 29 में से 28 सीटों पर काबिज बीजेपी तो आक्रामक रवैया पहले ही अपना चुकी थी, लेकिन अब बीजेपी ने कांग्रेस का मध्यप्रदेश से सूपड़ा साफ करने का मन बना लिया है। यानी कांग्रेस के एक मात्र गढ़ छिंदवाड़ा पर बीजेपी की पैनी नजर है। बीजेपी की इस चुनाव में मंशा साफ है। लक्ष्य जहां एक तरफ देशभर में 370 और एमपी में 29 में से 29… ऐसे में सबसे बड़ा रोड़ा इस समय कमलनाथ का छिंदवाड़ा मॉडल बीजेपी को दिखाई दे रहा है। इसीलिए अब छिंदवाड़ा मॉडल की काट बीजेपी खोजने में जुटी हुई है… इसी कवायद में बीजेपी ने एक नया प्लान तैयार किया है। छिंदवाड़ा के विकास के मॉडल की काट के लिए बीजेपी 2003 से बनी मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकारों के योगदान का बखान करेगी। और साथ ही विकास में नाथ का नहीं बल्कि बीजेपी का हाथ होने की लाइन पर छिंदवाड़ा के वोटर्स को जोड़ेगी।

इस चुनाव में बीजेपी एमपी में क्लीन स्वीप करने में लगी हुई है। बीजेपी इस बार क्लीन स्वीप करने के लिए कॉन्फिडेंट भी दिखाई दे रही है इस कॉन्फिडेंस के पीछे 2023 के विधानसभा चुनाव परिणाम हैं… हालांकि बीजेपी इस बात को भी भली भांति समझती है की छिंदवाड़ा बीजेपी की इस विजय यात्रा में सबसे बड़ा कांटा है ये इस बात से भी साफ हो जाता है की कांग्रेस से बीजेपी में ज्वाइन करने वाले अधिकतर नेता या तो छिंदवाड़ा से जुड़े हैं या फिर कमलनाथ के करीबी हैं ऐसे में कहा जा सकता है की बीजेपी ने छिंदवाड़ा और कमलनाथ को चौतरफा घेरने की नीति पर काम करना शुरू कर दिया है पिछले 3 चुनावों में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी संजीवनी बनकर सामने आया कमलनाथ का छिंदवाड़ा का विकास मॉडल भी अब बीजेपी के प्राइम टारगेट पर है हालांकि इस कमलनाथ के गढ़ को कांग्रेस अभेद्य दुर्ग मानकर चल रही है।

बीजेपी विजय रथ पर सवार है 2014 हो या 2019 का लोकसभा या फिर अभी हाल ही में हुआ मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव… चुनाव दर चुनाव बीजेपी ने अग्निपरीक्षा को पार किया है कहना ये भी गलत नहीं होगा की मोदी के मैजिक में बीजेपी का हर कदम फलदायक रहा है। ऐसे में अब एक मात्र कांग्रेस के गढ़ को भेदने के लिए बीजेपी नया कदम उठाने जा रही है हालांकि राजनीति का पानी कभी एक तरफ ठहरा नहीं है…ऐसे में 4 जून को जिसके मुफीद परिणाम आते हैं उसका स्ट्रोक मास्टर स्ट्रोक कहा जायेगा।