उज्जैन। इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में महाशिवरात्रि के पहले शिवनवरात्रि पर्व 29 फरवरी से 8 मार्च तक मनाया जाएगा। नौ दिन तक महाकालेश्वर के अलग-अलग शृंगार किए जाएंगे। इसका प्रारंभ कोटितीर्थ कुंड के पूर्व में स्थित कोटेश्वर महादेव के पूजन से होगा। पं. राजेश शर्मा के अनुसार कोटेश्वर महादेव काेटितीर्थ कुंड के प्रधान देवता है। कुंड में देश के सभी जल तीर्थों का जल समाहित है।

यही कारण है कि शिवनवरात्रि में पहले दिन से ही भगवान कोटेश्वर महादेव का पूजन, अभिषेक किया जाता है। उसके बाद भगवान महाकालेश्वर का पूजन होता है। कोटेश्वर महादेव का बुधवार सुबह 8 से 9 बजे तक अभिषेक, पूजन किया जाएगा। पहले दिन 11 ब्राह्मणों और दो पुजारी सहायकों को सोला और वरुणी प्रदान की जाएगी।

संध्या पूजन के बाद शुरू होगा शृंगार 

कोटेश्वर महादेव के पूजन के बाद महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का पूजन किया जाएगा। शिवनवरात्रि के दौरान 11 ब्राह्मण लघुरुद्र करेंगे। इसके बाद भोग आरती होगी। दोपहर 3 बजे महाकालेश्वर का संध्या पूजन के बाद शृंगार शुरू होगा। उन्हें मुखारविंद, आभूषण, नवीन वस्त्र धारण करवाए जाएंगे। शाम 6 बजे से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। आपको बता दें कि महाकाल मंदिर उज्जैन में महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ होती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा दर्शन, पूजन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंचते हैं। प्रतिवर्ष प्रशासन की ओर से यहां शिवरात्रि के लिए मंदिर में विशेष इंतजाम किए जाते हैं, ताकि भक्तों को परेशानी का सामना न करना पड़े।