उज्जैन। भगवान महाकाल की सवारियों (Mahakaleshwar) में अब डीजे शामिल नहीं होगा। इसकी जगह पारंपरिक वाद्य यंत्रों का होगा उपयोग होगा। 22 जुलाई को निकली पहली सवारी में आदिवासी कलाकारों के दल ने शानदार प्रस्तुति दी थी।
अब 29 जुलाई को निकलने वाली बाबा महाकाल (Mahakaleshwar) की दूसरी सवारी में 350 जवानों का पुलिस बैंड अपनी प्रस्तुति देगा। इसके बाद आने वाली सवारियों में काशी और नासिक से आए एक हजार डमरु वादक भगवान शिव के प्रिय वाद्य यंत्र की प्रस्तुति देंगे।
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सीएम मोहन यादव के निर्देशानुसार उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बुधवार श्रावण-भादौ माह की व्यवस्थाओं समेत अन्य सरकारी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।
मीटिंग में कहा गया कि भगवान महाकाल की दूसरी सवारी में भोपाल पुलिस हेडक्वार्टर से आए 350 जवानों का विशेष बैंड शामिल होगा। जो कि पूजा के समय दत्त अखाड़ा घाट पर भव्य प्रस्तुति देगा। जनजातीय दल के कलाकार भी सवारी का हिस्सा बनेंगे।
इसके बाद निकलने वाली सवारियों में नासिक और काशी से आए कलाकार पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर प्रस्तुति देंगे। बैठक में सवारी के दौरान श्रृद्धालुओं की सुविधा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरसिद्धि पाल समेत बाबा महाकाल की सवारी के प्रमुख बिंदुओं पर और बेहतर व्यवस्था की जाए। सवारी में शामिल होने वाली मंडलियों को डीजे के उपयोग को लेकर चेतावनी जारी की जाए। इसकी अलावा ढोल, मंजीरे, डमरू इत्यादि परंपरागत वाद्य यंत्रों का उपयोग करने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
कलेक्टर ने कहा कि नगर निगम की ओर से निर्धारित किए गए स्थानों पर एलईडी के जरिए सवारी का लाइव प्रसारण किया जाए। इसके साथ ही भगवान महाकाल के जलाभिषेक के लिए देशभर से उज्जैन पहुंच रहे कांवड़ियों के विश्राम आदि की बेहतर व्यवस्था करने के निर्देश भी कलेक्टर ने जारी किए हैं।
बैठक में कलेक्टर ने नगर की होटल-लॉज और यात्रीगृह के औचक निरीक्षण का आदेश भी संबंधित अधिकारियों को दिया। उन्होंने कहा कि जो भी होटल संचालक यात्रियों से अधिक किराया वसूलें उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।