भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया। जिसके बाद मामले में सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए नाबालिग से दुष्कर्म मामले की SIT से जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस जघन्य अपराध में शामिल आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने का भरोसा दिलाया है।

मिसरोद थाना क्षेत्र में दूसरी कक्षा में पढने वाली 8 साल की बच्ची के साथ बोडिंग स्कूल के हॉस्टल में दुष्कर्म का मामला सामने आया हैं। पुलिस ने धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत FIR दर्ज की है। हॉस्टल वॉर्डन समेत तीन लोंगो को आरोपी बनाया गया है। एसआईटी का गठन एसीपी मिसरोद रजनीश कश्यप की अध्यक्षता में किया गया है। टीम में थाना प्रभारी मिसरोद और मिसरोद एसआई श्वेता शर्मा को भी शामिल किया गया है।

बताया जा रहा है कि इस मामले में एक पोल वाले का भी नाम सामने आया है। वहीं मामले में शामिल एक एसआई प्रकाश राजपूत पर भी FIR दर्ज की गई है। उन पर पीड़िता और उसके परिवार पर मामले को दबाने का दबाव बनाने का आरोप है।

मामले में सियासी घमासान
इस घटना को कांग्रेस ने सियासी मुद्दा बनाते हुए मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष मुकेश नायक ने आरोपी को भाजपा सरकार के एक मंत्री का बिजनेस पार्टनर बताया है। वहीं भाजपा ने कांग्रेस पर महिलाओं के प्रति असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है।

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने मांगा जवाब
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अधिकारियों ने हॉस्टल में बच्ची से दुष्कर्म मामले पर भोपाल पुलिस को नोटिस जारी कर 6 बिंदुओं पर 5 दिन में जवाब मांगा है।