धार। एएसआई की टीम ने आज तीसरे दिन का सर्वे शुरू किया। सामान्यतः रविवार होने के कारण सर्वे नहीं किया जाता। लेकिन, भोजशाला के सर्वे को आज भी रोका नहीं गया। आज भी सुबह 8 बजे के बाद एएसआई की टीम अंदर गई और उन्होंने सर्वे शुरू किया।

यह भी जानकारी मिली है कि यह सर्वे कोर्ट के निर्धारित 45 दिन में रिपोर्ट देने की समय सीमा से आगे बढ़ाया जा सकता है। संभावना है कि करीब 3 महीने तक सर्वे के बाद एएसआई अपनी रिपोर्ट दे। क्योंकि एएसआई की टीम जिस होटल में हुई है वहां उसे 90 दिन के खाने और अन्य व्यवस्थाओं का काम सौंपा गया है। इसका सीधा सा आशय है कि यह सर्वे आगे बढ़ेगा।

इस सर्वे के लिए एएसआई के 15 अधिकारियों की टीम आई है और उनके साथ हेल्परों की भी बड़ी टीम है जो सर्वे, खुदाई में उनके मददगार है। सर्वे में डॉ मोहन विक्रम नाम के एक ऐसे अधिकारी भी हैं, जिन्होंने अयोध्या के रामजन्म भूमि में भी सर्वे किया था।

अब्दुल समद का बयान
सर्वे में शामिल मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद ने भोजशाला में प्रवेश से पहले मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने एएसआई के अधिकारियों को अपने लेवल पर समाज के ऑब्जेक्शन से अवगत कराया। मैं एक डायरी लेकर आया था, लेकिन उन्होंने इस तरह आपत्ति लेने से मना कर दिया तो मैंने शाम को अपनी आईडी उन्हें ईमेल किया है। हमारी आपत्ति है कि 2003 के बाद जो चीजें भोजशाला के अंदर ले जाई गई है, उन्हें सर्वे में शामिल नहीं किया जाए।

अब्दुल समद ने कहा कि जो चीज दिखाई दे रही है, उन्हें सर्वे में शामिल न किया जाए और अपनी रिपोर्ट में वही लिखे जो यहां दिखाई दे रही है। हम सर्वे के खिलाफ नहीं है हम जो नया सर्वे करने की कोशिश की जा रही है उसके खिलाफ है। सर्वे के लिए तीन टीम बनाई गई है जो तीन तरीके से कम कर रही हैं। हमारा कहना है कि आप एक वक्त में एक जगह सर्वे करें। मैं यहां अकेला हूं और मैं तीन जगह उपलब्ध नहीं हो सकता। इसलिए हमारा ऑब्जेक्शन है। यह समाज की आपत्ति है। यदि हमारी आपत्तियां नहीं मानी गई तो उसके लिए हाईकोर्ट जाएंगे। हमारा यह भी कहना है कि ऐसी पद्धति के हिसाब से काम किया जो हिंदू मुसलमान के दिलों में जो मेल भर रहा हैं वह दूर हो।

मुख्य याचिका कर्ता को नहीं बुलाया
भोजशाला में ASI सर्वे के दौरान सम्मिलित रहने को लेकर मुख्य याचिकाकर्ता (10484/2022) कुलदीप तिवारी को नहीं बुलाया गया। जबकि, 22 मार्च को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में उन्होंने ही प्रार्थनापत्र दिया था, जिसकी सुनवाई लंबित है। भोजशाला को लेकर मुख्यतः दो मुकदमे 2022 में दायर किए गए थे। जिसमें इंदौर हाईकोर्ट द्वारा मुकदमा संख्या 10484/2022 मुख्य मुकदमा बनाया गया और इस मामले से सम्बन्धित अन्य सभी मामले मुख्य मुकदमे से कनेक्ट कर दिए गए। मुकदमा संख्या 10484/2022 और 10497/2022 दोनों ही मुकदमे एक विशेष प्रयोजन को लेकर अलग नामों से एक ही दिन फाइल हुए।

ASI सर्वे के दौरान सभी मुकदमों के वादियों को सम्मिलित किया जाना चाहिए था, परंतु ऐसा नहीं किया गया। मुख्य वाद होने के कारण 10484/2022 के याचिकाकर्ताओं को सर्वे के दौरान उपस्थित रहना न्यायसंगत एवं आवश्यक है। विशेष बात यह है कि इस याचिका की प्रार्थना में ही आर्कियोलॉजिकल सर्वे सम्बंधित मांग की गई है। अभी तक के सारे ऑर्डर्स इसी याचिका में किए जा रहे थे। ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ताओं की अनुपस्थिति में सर्वे कराया जाने को लेकर आपत्ति उठाई गई है।