भोपाल , प्रखर जैन। मध्‍यप्रदेश में बीजेपी ने अपने टारगेट को पूरा करने के लिए BV प्‍लान लागू कर दिया है। इस प्‍लान के तहत बीजेपी ने दस दिन में 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हाईकमान ने प्रदेश में 41 लाख़ कार्यकर्ताओं की फौज को मैदान में उतार दिया है।

-बीजेपी का ‘BV’ प्‍लान
-10 दिन में 29 सीट जीतने का टारगेट
-मुख्‍यमंत्री से लेकर मंत्री मैदान में उतरे
-41 लाख़ की फौज का टारगेट फिक्‍स
-प्रदेश में 10 फीसदी वोट बढ़ाने का लक्ष्य

लोकसभा चुनाव 2024 अब बिल्कुल नज़दीक है ऐसे में विजय रथ पर सवार बीजेपी एक बार फिर आक्रामक रणनीति में दिखाई दे रही है। हाल ही में हुए 2023 के विधानसभा चुनाव ने एमपी के रण का मंच पहले ही सजा दिया था, जिसके बाद विपक्ष में भी हलचल साफ़-साफ़ दिखाई दे रही है। लिहाजा बीजेपी ने BV प्लान यानि बूथ विजय प्लान एमपी के सभी 64 हज़र 23 बूथों पर लागू कर दिया है। हालांकि बीजेपी का ब्रह्मास्त्र मोदी का मैजिक भी विधानसभा में दिखाई दिया था, बावजूद इसके बीजेपी लगातार अति सक्रियता से अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने में लगी हुई है। ऐसे में कभी पार्टी प्रबुद्धजन सम्मेलन कर रही है, कभी हितग्राही सम्मेलन से पार्टी का जनाधार बढ़ाने में लगी हुई है। और अब बीजेपी एक बार फिर अपने तुरुप के इक्का यानि की एक बार फिर बूथ पर फोकस कर रही है। ऐसे में अब 10 दिन तक बीजेपी के बड़े नेता प्रदेश के 65 हज़ार से ज्यादा बूथ पर बूथ विजय अभियान चलाने जा रहे हैं।

– 10 दिन तक घोड़े पर सवार होकर करेंगे बीजेपी कार्यकर्ता काम
– 370 प्लस का लक्ष्य लेकर बूथों पर उतरेंगे बीजेपी के सातों मोर्चे
– एमपी के मन में मोदी और मोदी की गारंटी पर बीजेपी का बढ़ाएगी वोट
– गरीब कल्याण और केंद्र सरकार के 10 साल के काम और धार 370 का प्रमुख रूप से होगा प्रचार
– फर्स्ट टाइम वोटर पर प्रमुकघ रूप से होगा बीजेपी का फोकस

बूथ विजय अभियान 13 मार्च से शुरू हो रहा है और 22 मार्च तक चलेगा। अभियान का सीधा मकसद पिछले चुनाव के मुकाबले 10 प्रतिशत वोट बढ़ाने का लक्ष्य पाना है, जिसके लिए पार्टी और सरकार के बड़े से बड़े नेताओं के साथ लगभग 41 लाख कार्यकर्ता अभियान के दस दिनों में बूथों पर पहुंचकर दो घंटे बिताएंगे, और ‘हर बूथ मोदी बूथ’ के नारे के साथ पार्टी का वोट शेयर 10 प्रतिशत बढ़ाने तथा 370 नए वोट हासिल करने की तैयारी करेंगे। अभियान में बीजेपी के सभी सातों मोर्चे बूथों पर सक्रिय होंगे, जिसके लिए सभी मोर्चों और कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां और लक्ष्य दिए गए हैं। प्रदेश में 18-19 साल की आयु के 16 लाख मतदाताओं प्रमुख रूप से संपर्क और संवाद किया जाएगा, वहां के प्रबुद्धजन, की वोटर्स और सभी समाजों, वर्गों के प्रमुख लोगों से भी संपर्क किया जाएगा। इसके अलावा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, युवा, महिला, खिलाड़ी, शासकीय योजनाओं के लाभार्थी सहित अन्य सभी वर्गों से छोटी-छोटी बैठकों के माध्यम से संपर्क किया जाएगा।

इस बात से तो आज की तारीख में कोई इनकार नहीं कर सकता की बीजेपी का पलड़ा एमपी में काँग्रेस से कहीं ज्यादा भारी है। खुद काँग्रेस भी इस समय डबल डिजिट में सीटें आने को लेकर आश्वस्त नहीं है, ऊपर से लगातार चुनावों में बीजेपी का बढ़ता हुआ जनाधार एक मोमेंटम बीजेपी को जरूर दे रहा है। पिछले चुनावों के आंकड़ों की भी बात की जाए तो विधानसभा 2023 में बीजेपी को 48 पर्सेन्ट वोट के साथ 163 सीटें हासिल की, जबकी लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने एमपी में 29 में से 28 सीटें 58 फीसदी वोट के साथ हासिल किया था, जिसे अब पार्टी बढ़ाने में लगी हुई है। बीजेपी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कॉन्फिडेंट भी दिखाई दे रही है, वहीं विपक्षी काँग्रेस अभी तक एमपी में अपनी जमावट को लेकर ही संघर्ष करती दिखाई दे रही है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की बीजेपी अपने इस 68 फीसदी वोट और क्लीन स्वीप के लक्ष्य में किस हद तक सफल हो पाती है।