इंदौर। धार भोजशाला को लेकर मध्यप्रदेश के इंदौर से बड़ी खबर सामने आ रही है। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने कहा है कि ज्ञानवापी के बाद अब मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला का एएसआई सर्वे होगा। इस मामले में सामाजिक संगठन हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट इंदौर बेंच ने इसके लिए अपने फैसले में एएसआई (Archaeological Survey of India ) को 5 सदस्यीय कमिटी गठन करने के आदेश दिए है।

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने की थी मांग

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने करीब 1,000 साल पुराने भोजशाला परिसर की वैज्ञानिक जांच अथवा सर्वेक्षण अथवा खुदाई अथवा जीपीआर सर्वेक्षण समयबद्ध तरीके से करने की मांग की थी।

सुरक्षि‍त रख लिया था फैसला आज किया जारी

बता दें कि इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फरवरी में फैसला सुरक्षि‍त रख लिया था और आज उस पर अपना फैसला जारी किया है। अब उच्च न्यायालय ने एएसआई को वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई थी कि मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से रोका जाए और हिंदुओं को नियमित पूजा का अधिकार दिया जाए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के आरंभिक तर्क सुनने के बाद मामले में राज्य शासन, केंद्र शासन सहित अन्य संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

एएसआई का संरक्षित स्मारक

भोजशाला के सरस्वती मंदिर होने के अपने दावे के समर्थन में हिंदू पक्ष ने हाईकोर्ट के सामने इस परिसर की रंगीन तस्वीरें भी पेश की हैं। भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन एएसआई (Archaeological Survey of India ) का संरक्षित स्मारक है। एएसआई के 7 अप्रैल 2003 के आदेश के अनुसार चली आ रही व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है। मुस्लिम समुदाय भोजशाला परिसर को कमाल मौला की मस्जिद बताता है।

 ASI को‌ सामने मिल जाएंगे सभी तथ्य 

इंदौर खंडपीठ के फैसले पर याचिकाकर्ता ने खुशी जताई है। याचिकाकर्ता अशोक जैन ने कहा कि जिस तरह से अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बना, धार में मां सरस्वती का मंदिर बनेगा, आज हमारी जीत हुई है, ज्ञानवापी में तो खुदाई करनी पड़ी थी, यहां तो सारे तथ्य एएसआई को‌ सामने मिल जाएंगे।