जबलपुर। जबलपुर पुलिस ने दीपावली के दिन हुए अंधे मर्डर केस की गुत्थी सुलझा ली है। इस मामले में सबसे खास बात यह थी कि मामले में पुलिस के पास न तो कोई सबूत था और न ही कोई गवाह। संदिग्ध से की गई पूछताछ में पुलिस के हाथ नाकामयाबी ही लगी। (Jabalpur Blind Murder Case)
इस बीच कातिल तक पहुंचने में पुलिस की मदद की मक्खियों ने। दरअसल, सीसीटीवी फुटेज में दिखे संदिग्ध पूछताछ की थी। उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। (Jabalpur Blind Murder Case)
इस बीच पुलिस का ध्यान संदिग्ध की पहनी हुई शर्ट पर गया। जिस पर बार-बार मक्खियां बैठ रहीं थी। यह बात पुलिस को खटकी। इसके बाद पुलिस ने शर्ट को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा, जिसमें खून मिला। रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो संदिग्ध ने मर्डर का खुलासा कर दिया। उसने बताया कि उसी ने अपने चाचा का मर्डर किया था। इसके बाद बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
बता दें कि मामला 30-31 की दरमियानी रात का है। जिले के चरगंवा थाना के अंतर्गत आने वाले देवरी टपरियां गांव के रहने वाले मनोज ठाकुर (26) का शव 31 अक्टूबर की सुबह खेत में मिला था। जिसने उसकी हत्या की वह उसका सगा भतीजा धरम ठाकुर था।
पुलिस के मुताबिक, मनोज ठाकुर हत्याकांड में भतीजे धरम पर शक जरूर था, लेकिन पूछताछ में वह बार-बार एक ही बात पर अड़ा रहा कि उसने चाचा की हत्या नहीं की। चरगवां थाना प्रभारी को उसके कपड़ों पर मक्खियां लगने पर शक हुआ था। जांच में स्पष्ट हो गया कि हत्यारा वही है।
खेत में मिला शव
मृतक मनोज पेशे से ड्राइवर था, वह अपने दो बड़े भाई बुधराज और राजू के साथ रहता था। वह 30 अक्टूबर की रात अपने घर से काम पर जाने का कहकर निकला था। रात ज्यादा हो जाने की वजह से जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। अगले दिन यानी दीपावली (31 अक्टूबर) की सुबह उसका खून से लथपथ शव गांव के बाहर खेत में मिला।
सूचना मिलने पर पुलिस और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। शव के पास से पुलिस को एक नुकीला लड़की का टुकड़ा मिला, जिसमें खून लगा था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की। जिसमें गांव के 50 लोगों से पूछताछ की गई। मृतक का आपराधिक रिकॉर्ड और किसी के साथ रंजिश न होने की वजह से पुलिस का हत्यारे तक पहुंचना मुश्किल था।
भतीजे पर हुआ शक
पुलिस के मुताबिक मृतक के परिजन ने बताया कि मनोज किसी के साथ पार्टी करने की बात कर रहा था। इसके बाद पुलिस ने चरगवां में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। शराब दुकान के सीसीटीवी में 30 अक्टूबर की शाम 7 बजे मनोज शराब खरीदता दिखा। एक फुटेज में उसके साथ उसका भतीजा धरम सिंह उर्फ अबी भी दिखा। अबी रिश्ते में मनोज का भतीजा है। दोनों दुकान में बैठकर चिकन खाते हुए नजर आए। एक सीसीटीवी फुटेज में वो रात 10 बजे गांव की ओर पैदल जाते हुए भी नजर आए।
इस वजह से की हत्या
आरोपी धरम ने पुलिस को बताया कि वह 30 अक्टूबर की शाम करीब 7 बजे चरगवां में मिला। दोनों ने मिलकर शराब पार्टी करने का प्लान बनाया। दोनों ने अपने खेत में बैठकर चिकन और शराब पी। इस दौरान मृतक ने आरोपी से कहा कि उसने पार्टी के लिए 400 रुपए खर्च किए हैं, इस पर आरोपी ने उसे अपने पास से 60 रुपए निकाल कर दे दिए। साथ ही कहा कि उसके पास बस इतने ही पैसे हैं। इतना सुनते ही मृतक मनोज भड़क उठा। वह और पैसे मांगने लगा। इस दौरान दोनों में झड़प हो गई, मनोज ने पास ही पड़ा लकड़ी का टुकड़ा उठाया और धरम की पीठ पर मारा।
इसके बाद आरोपी ने लकड़ी का टुकड़ा छीनकर मनोज के सिर पर दे मारा। जिससे वह नीचे गिर गया। इसके बाद दोनों में मारपीट शुरू हो गई। लकड़ी के टुकड़े में कील लगी थी। जिससे वह मनोज के सिर पर एक के बाद एक वार करता रहा। मारते-मारते लकड़ी का टुकड़ा तक टूट गया, लेकिन नशे में धुत धरम ने उसे मारना नहीं छोड़ा और तब तक मारा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई।
पुलिस ने बताया कि शराब पार्टी के दौरान आरोपी ने दिन में दो से तीन बार मृतक के मोबाइल से फोन पर बात की। इसके बाद उसने मोबाइल भी अपने पास रख लिया था। वारदात को अंजाम देने के बाद धरम घर आकर सो गया। 31 अक्टूबर की सुबह जब मनोज के परिजन ने मोबाइल पर कॉल किया, तो धरम ने उसे फौरन काट दिया और सिम निकालकर मोबाइल को छिपा दिया।
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि मनोज 200 रुपए मांग रहा था। जिस पर मैंने उसे 60 रुपये दिए और बाकी के 140 रुपए बाद में देने की बात कही, जिससे वह नाराज हो गया। इसी को लेकर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई जो बाद में खूनी संघर्ष में बदल गई।