इंदौर। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ का ऑर्डर न मानना धार कलेक्टर प्रियांक मिश्र और एडीएम शृंगार श्रीवास्तव को भारी पड़ गया। कोर्ट ने दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। साथ ही उन्हें 23 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने आदेश का पालन नहीं होने पर यह आदेश दिया है। (Dhar News)
हाईकोर्ट पहुंचा रोजगार सहायक
एडवोकेट प्रसन्ना भटनागर मुताबिक धार जिले की ग्राम पंचायत नालछा में मिथुन चौहान रोजगार सहायक के पद पर पदस्थ था। 25 फरवरी को 2017 को स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वो ड्यूटी पर नहीं था। अधिकारियों ने उसकी अनुपस्थिति को कदाचरण माना और उसे हटा दिया। 2019 में मिथुन चौहान इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचा और याचिका लगाकर इसे चुनौती दी थी। (Dhar News)
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कोर्ट ने दिए नौकरी बहाली का आदेश
22 अगस्त 2023 में उसे हाईकोर्ट की तरफ से उसे राहत मिली। कोर्ट ने उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त कर नौकरी पर बहाली के आदेश दिए। साथ ही आदेश दिया कि ग्राम रोजगार सहायक को 50 फीसदी पिछले वेतन समेत वापस नौकरी पर रखा जाए।
शासन की अपील निरस्त
शासन ने इस आदेश के खिलाफ अपील में गया लेकिन इस साल जुलाई में उसकी अपील निरस्त कर दी गई। इसके बाद मिथुन को नौकरी पर वापस रखना था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तब उसने कोर्ट में अवमानना याचिका लगाई। सितंबर में कोर्ट ने शासन को निर्देश दिए कि वो उसके आदेश का पालन करे। साथ ही 4 अक्टूबर को कोर्ट में प्रजेंट होने के लिए कहा गया। इसके बाद जब कलेक्टर और सीईओ ने ऐसा नहीं किया तो हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।