ग्वालियर, प्रह्लाद सेन | ग्वालियर, चंबल-अंचल की तीन सीटों पर कांग्रेस में टिकट को लेकर रस्साकशी चल रही है। भिंड में कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। लेकिन अभी भी ग्वालियर, गुना, मुरैना – श्योपुर सीट पर कांग्रेस को प्रत्याशी की तलाश है। ग्वालियर और श्योपुर मुरैना सीट पर तो कांग्रेस के भीतर टिकट के लिए एक अनार सौ बीमार जैसी स्थिति है।
टिकट के कई दावेदार हैं ,जो दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। लेकिन कांग्रेस ग्वालियर गुना और मुरैना में अपना कैंडिडेट तय नहीं कर पा रही है। ऐसे में बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ मुखर होकर यह कहने से नहीं चूक रही कि कांग्रेस के पास प्रत्याशियों का टोटा पड़ गया है। इसलिए कांग्रेस प्रत्याशी घोषित नहीं कर पा रही।
ग्वालियर चंबल-अंचल में लोकसभा चुनाव को लेकर BJP की तैयारी कांग्रेस की तुलना में 10 गुना ज्यादा मजबूत है। प्रत्याशी चयन के मामले में बीजेपी कांग्रेस से बहुत आगे निकल गई उसने बिना कोई देरी करे हुए ग्वालियर, गुना, भिंड, मुरैना ,लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। जबकि BJP की तुलना में कांग्रेस अब तक सिर्फ भिंड जिले पर ही अपना प्रत्याशी घोषित कर पाई है। ग्वालियर चंबल अंचल में लोकसभा की चार सीटें हैं। जिन पर अभी BJP का कब्जा है।
ग्वालियर मुरैना और भिंड में बीजेपी पारंपरिक रूप से अब तक जीत की हैट्रिक लगाकर उससे भी आगे निकल चुकी है, जबकि गुना लोकसभा सीट बीजेपी ने कांग्रेस से 2019 में हथियाई है। बीजेपी ने गुना लोकसभा सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव मैदान में उतारा है। मुरैना में शिवमंगल सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाया है, ग्वालियर में वर्तमान सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का टिकट काटकर उनकी जगह पूर्व मंत्री भारत सिंह कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारा है। जबकि भिंड में फिर से महिला सांसद संध्या राय को ही टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भिंड में संध्या राय के सामने फूल सिंह बरैया को टिकट देकर मैदान में उतार दिया है। लेकिन अभी कांग्रेस को बीजेपी के मजबूत किले मुरैना ,गुना और ग्वालियर में प्रत्याशियों की तलाश है। मुरैना सीट पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह टिकट के लिए कतार में है, मुरैना में ही जौरा विधानसभा सीट से विधायक पंकज उपाध्याय, विजयपुर विधायक रामनिवास रावत, मुरैना से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा, टिकट के लिए कतार में खड़े हैं।
मुरैना में कांग्रेस के भीतर किसी कर्मठ कार्यकर्ता को लोकसभा का टिकट दिए जाने की मांग उठ रही है। जबकि ग्वालियर में कांग्रेस के अंदर पूर्व सांसद राम सेवक सिंह, पूर्व विधायक प्रवीण पाठक, सेवड़ा से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल, ग्वालियर शहर से जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। जबकि गुना में कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव का नाम चर्चाओं में है। गुना में चर्चा यह भी है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कांग्रेस किसी यादव चेहरे को ही प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतरेगी।
बीजेपी कांग्रेस के अंदरूनी घमासान पर उसकी खिल्ली उड़ा रही है। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के भीतर गुटबाजी के चलते लोकसभा में उम्मीदवार नहीं मिल पा रहे। बीजेपी कांग्रेस को नेतृत्वहीन पार्टी करार दे रही है। बीजेपी का दावा है कि कांग्रेस को ढूंढने के बाद भी प्रत्याशी नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने बीजेपी की आरोपी को सिरे से खारिज किया है । कांग्रेस का दावा है कि उनके पास चुनाव मैदान में उतरने के लिए पर्याप्त चेहरे हैं जल्द ही ग्वालियर मुरैना और गुना सीट पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी ।
कुल मिलाकर लोक सभा इलेक्शन को लेकर कांग्रेस पार्टी की तैयारी बीजेपी की तुलना में बेहद कमजोर नजर आ रही है। भाजपा जहां प्रत्याशी घोषित कर पोलिंग बूथ मैनेजमेंट में जुट गई है। जबकि कांग्रेस अभी भी प्रत्याशियों को लेकर होमवर्क में जुटी हुई है। फिलहाल कांग्रेस को तलाश है कि ऐसा कोई चेहरा मिले जो गुना में केंद्रीय मंत्री सिंधिया और ग्वालियर और मुरैना में बीजेपी के विजय रथ को रोककर कांग्रेस का परचम लहरा सके। हालांकि ग्वालियर चंबल अंचल की इन चार लोकसभा सीटों पर बीजेपी बेहद मजबूत है। इसलिए बीजेपी का आत्मविश्वास कांग्रेस की तुलना में बेहद हाई है। देखना दिलचस्प होगा कि गुना में केंद्रीय मंत्री सिंधिया के सामने कांग्रेस किस चुनाव मैदान में उतरेगी और ग्वालियर में कांग्रेस किस पर अपना भरोसा जताएगी जबकि मुरैना में भी कांग्रेस को चेहरे की तलाश है। फिलहाल पार्टी पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के नाम पर एक राय नहीं हो पा रही है। अगर उनका टिकट कटा तो वह भी पार्टी से बगावत करने के मूड में है इस तरह की खबरें भी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। फिलहाल कांग्रेस ने भिंड लोकसभा सीट पर अपना पता खोल दिया है।