ग्वालियर। एक प्रोफेसर ने जीवित रहते हुए अपने आप से किए गए वादे को…मरने के भी बाद पूरा किया है। जिंदगी भर छात्रों को अच्छी सीख का पाठ पढ़ाने वाले एमएलबी कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर एचएच श्रीवास्तव ने मरने के बाद भी अपनी देह को छात्रों की शिक्षा के लिए दान कर दिया है। प्रोफेसर का आज ब्रेन हेमरेज से देहांत हो गया है। जिसके बाद उनके परिजनों ने उनकी देहदान की इच्छा को सार्वजनिक करते हुए, उनकी डेडबॉडी को मेडिकल कॉलेज के सुपुर्द किया है। ऐसे में उनके ऐसे कार्य को लेकर मेडिकल कॉलेज में उन्हें श्रद्धांजलि भी दी गई है।
ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज को देहदान देने वाले प्रोफेसर हरिहर श्रीवास्तव शहर के प्रतिष्ठित एमएलबी कॉलेज में प्रिंसिपल थे और वह 6 वर्ष पूर्व इस पद से रिटायर्ड हो चुके थे। लेकिन अपनी पूरी जिंदगी उन्होंने छात्रों के बीच रहकर उन्हें अच्छे कामों के लिए हमेशा प्रेरित किया और दुनिया से जाते-जाते भी वह छात्रों के हित के लिए बड़ा काम कर गए हैं। प्रोफेसर श्रीवास्तव लंबे समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे लेकिन आज अचानक ब्रेन हेमरेज से अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उनके परिवार में उनकी पत्नी की पूर्व में ही मौत हो चुकी है और उनकी दो बेटियां सुष्मिता और प्रीति है। जिसमें सुष्मिता केआरजी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रीति ग्रहणी है।
ऐसे में पिता की मौत के बाद दोनों बेटियों ने उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए उनके मृत शरीर को गजरा राजा मेडिकल कॉलेज को मेडिकल छात्रों की शिक्षा के लिए सौंप दिया है। जिसके बाद मृतक प्रोफेसर एच एच श्रीवास्तव के देहदान करने की सराहना करते हुए मेडिकल कॉलेज की एनाटॉमी डिपार्टमेंट में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
इस मौके पर गजरा राजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि चिकित्सा छात्रों को शिक्षा देने के लिए प्रदेश भर के मेडिकल कॉलेज में केडेवर (डेड बॉडी) की कमी है। ऐसे में यह एक सराहनीय और बड़ा कदम है।