भोपाल, मनोज राठौर। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के नेता अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं। ये सब तब हो रहा है, जब लोकसभा चुनाव का सीजन चल रहा है। नेताओं और कार्यकर्ताओं की कांग्रेस को सबसे ज्यादा जरूरत है। ऐसे में साथ देने की वजह कांग्रेसी अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। देखिए भोपाल से हमारी ये खास रिपोर्ट…

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दो तरफ से चुनौतियों का सामना कर रही है। पहला उसके नेता खुद पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कई कांग्रेसी पार्टी में रहकर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं। उनका अपने पदों से मोह भंग हो गया। कईयों ने इसी चुनावी दौर में इस्तीफा दिया, तो कईयों ने लोकसभा चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया। ये दौर कांग्रेस के लिए ऐसा, यहां कई चुनौतियां उसके सामने खड़ी हैं। संगठन को मजबूत करने के साथ एकजुटता का संदेश जमीनी स्तर पर दिया जा रहा है। लेकिन पार्टी में मची भगदड़ की वजह से कांग्रेस के अंदरूनी हालात कुछ ठीक नहीं है।

-जिम्मेदारी से भाग रहे कांग्रेसी !
-पदों से इस्तीफा देकर पाया छुटकारा
-कांग्रेस में रहकर जिम्मेदारी से मोह भंग
-चुनावी दौर, कांग्रेस हो रही कमजोर !
-चुनाव लड़ने से मना करने की क्या है वजह?

प्रदेश कांग्रेस अविनाश बरोलिया ने कहा कि ये लोकतंत्र का पर्व है। सभी पार्टी इसमें हिस्साी लेती है। हम अपनी तैयारी कर रहे हैं। बीजेपी अपनी तैयारी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हम जनता के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है। कांग्रेस को कोस रही है। इससे कांग्रेस को फर्क नहीं पड़ता। हम सकारात्मिक चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि युवा, महिला, किसान समेत जनता की समस्याओं पर चुनाव लड़कर 22 से 24 सीट जीत रहे हैं।

-विक्रांत भूरिया ने प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
-केके मिश्रा ने प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
-कांग्रेस के पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक बीजेपी में शामिल हुए
-हर लोकसभा सीट से कांग्रेसियों ने बड़ी संख्यात में बीजेपी की सदस्यीता ली

कांग्रेस में बड़ी भूमिका अदा करने वाले युवा कांग्रेस के पद से विक्रांत भूरिया ने उस समय इस्तीफा दिया, जब कांग्रेस को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। युवा चेहरे के साथ आदिवासी चेहरा होने के कारण उनसे संगठन मजबूत बना रहता है। आनन-फानन में विक्रांत भूरिया की जिम्मेदारी मितेंद्र सिंह को सौंपी। प्रदेश बीजेपी संगठन मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस नेता मीडिया में बयान दे सकते हैं। ये संगठन को गढ़ नहीं सकते। उनके पास सिर्फ उधार का विचार है। उन्होंने यह भी कहा कि एक संगठन के लिए कार्यकर्ताओं की जरूरत रहती है। कांग्रेस टुकड़े-टुकड़े गैंग का साथ देती है। ये तोड़ने का काम करते हैं। ये किसी को जोड़ नहीं सकते और संगठन को बना नहीं सकते।

कांग्रेसियों के जाने और जिम्मेदारियों के भागने की वजह से पार्टी के संगठन पर असर तो पड़ा है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी संगठन को मजबूत करने के साथ मैदानी कार्यकर्ताओं को एकजुटता का संदेश दे रहे हैं। कांग्रेस का दावा है कि इस बार 20 से ज्यादा सीट उसे मिलेगी और बीजेपी के भ्रम फैलाने और झूठ बोलने का खुलासा होगा।