रायपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में 30 गांवों के लोगों से ANTOFAGASTA PLC ऐप के जरिए 10 करोड़ रूपये ठग लिए गए। ऐप को इंस्टॉल कराकर कुल लोगों से 7 लाख रुपये तक इन्वेस्ट कराए गए। जानकारी के मुताबिक ऐप विदेशी कंपनी के नाम पर है। जब लोगों के लाखों-करोड़ों रुपये फंस गए तो ऐप से पैसे का विड्रॉल होना बंद हो गया। वहीं दोबारा ऐप को चालू करने के एवज में उनसे 8400 रुपये की मांग और की गई। जिसके बाद 50 से ज्यादा लोग शिकायत तकरने चलगली थाने में पहुंचे। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। (Fraud App Case)

बताया जा रहा है कि ठगी का राशि 30 करोड़ से ज्यादा भी हो सकती है। बलरामपुर के अलावा दो और जिले MCB (मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) और कोरबा से भी ऐसी ही शिकायतें मिली हैं। इन जिलों के लोगों के भी इसी ऐप में लाखों रुपये फंसे हुए हैं। लोगों के द्वारा डाउनलोड किया गया ऐप अभी भी मोबाइल पर मौजूद है। उसके वॉलेट में पैसा भी दिखा रहा है, लेकिन उसकी निकासी (विड्रॉल) नहीं हो रही है। वहीं कुछ के पास विड्रॉल हो रहा है लेकिन राशि उनके बैंक अकाउंट में नहीं आ रही है। (Fraud App Case)

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प्ले स्टोर नहीं है मौजूद

जिस ANTOFAGASTA PLC ऐप से ठगी हुई है वो गूगल प्ले स्टोर में मौजूद नहीं है। ऐप को लोगों ने APK लिंक से जॉइन किया। इसके जरिए बड़ी संख्या में लोगों ने पैसे जमा कराए गए। गांव के लोगों ने इस ऐप में 20 हजार रुपए से लेकर 7 लाख रुपए तक का इन्वेस्ट किए हैं। उन्हें बताया गया कि लाभांश की रकम ऐप में ही जमा होगी।

कुछ दिनों के बाद ऐप की तरफ से जानकारी दी गई कि तकनीकी खामी बताकर सभी तरह की निकासी (वि़ड्रॉल) बंद कर दी गई है। लेकिन जब उनके द्वारा की गई कम राशि भी विड्रॉल नहीं हुई तो उन्हें ठगी का एहसास हुआ। इस ऐप या कंपनी का कोई एजेंट भी इलाके में नहीं है। लोगों को सीधे कस्टमर केयर की तरफ से मैसेज आते थे।

गांव के कुछ लोगों ने अच्छे रिटर्न की लालच में उन्हें मिली पीएम आवास की रकम भी ऐप में इन्वेस्ट कर दी। इसके अलावा कुछ ने अपनी खड़ी फसल बेचकर पैसे जमा किए। ठगी का शिकार होने पर बड़ी संख्या में ग्रामीण चलगली थाने पहुंचे और अपनी शिकायत दर्ज कराई।

बता दें कि जिस ANTOFAGASTA PLC नाम से ये ऐप बनाया गया था, वो ब्रिटेन में कॉपर माइनिंग कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है। आशंका जताई जा रही है कि इस कंपनी के नाम से फर्जी ऐप बनाकर लोगों को ठगा गया है।