भोपाल, विवेक राणा। मध्य प्रदेश में चौथे चरण का मतदान 13 मई को होना है। वही आठ लोकसभा सीट में से रतलाम, धार, खंडवा और खरगोन में आदिवासियों का बोलबाला देखने को मिलता है हालांकि इन 4 लोकसभा सीटों में आदिवासी वोटर हार -जीत के निर्णायक भूमिका में हमेशा रहते हैं। वहीं कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टी आदिवासियों वोटर को साधने के लिए पूरी ताकत झोंकती दिखाई दे रही है आइए देखते हैं ये रिपोर्ट.. किसके साथ आदिवासी वोटर

. आदिवासी वोटरों का बोलबाला
. किसके साथ आदिवासी वोटर ?
. चौथे चरण की आठ लोकसभा सीट में से चार लोकसभा सीट पर आदिवासी का बोलबाला
. रतलाम, धार, खरगोन और खंडवा लोकसभा सीट पर आदिवासी वोटर
. किसको देंगे सत्ता की चाबी ?
. चौथे चरण में किस पार्टी का होगा बोलबाला

मध्य प्रदेश में 22% आदिवासी वोटर है जो सत्ता के सिंहासन पर बिठाने के लिए बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं…हालांकि लोकसभा चुनाव का तीसरे चरण तक का मतदान हो चुका है, और चौथे चरण का मतदान 13 मई को होना है, मगर उसके पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी आदिवासी वोटरों को साधने में लगे हुए हैं। हालांकि रतलाम, धार, खरगोन और खंडवा लोकसभा सीट में राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा होकर गुजरी है ,जिस के चलते कांग्रेस लगातार चौथे चढ़ने को लेकर बड़े दावे कर रहे हैं कि आठ में से 4 लोकसभा सीट कांग्रेस जीतेगी। क्योंकि इनमें आदिवासी वोटरों का बोलबाला देखने को मिलता है, मगर 2023 के चुनावी आंकड़े बताते हैं कि आदिवासी सीटों पर कांग्रेस की स्थिति ठीक है। वही बीजेपी के बड़े नेता लगातार ताबड़तोड़ चुनावी प्रचार करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं बीजेपी का कहना है कि आदिवासी वोटर हमेशा बीजेपी पार्टी के साथ खड़ा है।

करीब 2 साल पहले से ही बीजेपी पार्टी आदिवासी वोटरों के बीच में जाना शुरू कर दी थी। साथ ही बीजेपी का हाई कमान भी आदिवासी वोटो पर फोकस करता दिखाई दे रहा था। हालांकि विधानसभा चुनाव में देखने मिला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जबलपुर और शहडोल दौरे पर है ,जहां आदिवासियों से चर्चा भी प्रधानमंत्री ने की.. हालांकि चौथे चरण की तीनों लोकसभा सीट पर हमेशा से ही आदिवासी वोटर दबदबा रहते हैं.. वही कांग्रेस का कहना है कि आदिवासी वाटर हमेशा से ही उनका वोटर रहा है ,केवल बीजेपी पार्टी ने आदिवासियों के साथ अत्याचार किया है।

4 जून को चुनावी परिणाम आने के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी की मध्य प्रदेश में आदिवासी वोटर किस राजनीतिक पार्टी के साथ है हालांकि दोनों ही राजनीतिक पार्टियों की चौथे चरण को लेकर धड़कनें तेज होती दिखाई दे रही है, अब देखना होगा कि आदिवासी वोटर किस पार्टी को सत्ता की चाबी देते हैं।