भोपाल, मनोज राठौर | मध्‍यप्रदेश में कांग्रेस को यूथ वोट बैंक की टेंशन सताने लगी है। यूथ को जोड़ने के लिए कांग्रेस ने एक अभियान शुरू किया है। कांग्रेस का टारगेट बूथ को मजबूत करने के साथ यूथ को जोड़ने का है। कांग्रेस की यूथ टीम को उम्‍मीद है कि इस चुनाव में युवा उनके साथ आयेगा। बीजेपी जरूर कांग्रेस के इस अभियान पर तंज कस रही है।

कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी से जुट गई। पार्टी नेतृत्‍व यूथ को जोड़ने की कवायद कर रहा है। इसके लिए कांग्रेस मध्य प्रदेश में बूथ के साथ यूथ को जोड़ने के अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत विधानसभावार सम्मेलन किए जा रहे हैं। साथ ही कांग्रेसी डोर टू डोर संपर्क भी कर रहे हैं। कांग्रेस अपने इस अभियान के तहत युवाओं के बीच जाकर न्याय दो-रोजगार दो, पोस्टकार्ड अभियान भी चला रही। इसमें भर्ती परीक्षाओं के परिणाम घोषित न होने, जांच के लंबित रहने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जा रहा। इसके अलावा कांग्रेस का फोकस बूथ को मजबूत करने के लिए कमजोर बूथों पर है। यहां पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति पर काम किया जा रहा।यूथ जोड़ो अभियान पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के अध्‍यक्ष का कहना है कि ये हमारी पार्टी की रणनीति है। जो युवा गुमराह है और जो बेरोजगार है उनको जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। हम युवा की हक की आवाज बनेंगे।

लोकसभा समन्वयक को बनाये जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभावार प्रभारी नियुक्त किए। अब विधानसभावार सम्मेलन करके बूथ के साथ यूथ जोड़ो अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के लिए विधानसभा प्रभारियों के दौरे लगातार जारी है। इसमें ब्लाक, मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर डोर टू डोर संपर्क कर कमजोर बूथों को मजबूत किया जा रहा। इस दौरान पार्टी युवाओं से जुड़े मुद्दों को उठाती है। कांग्रेस के यूथ प्‍लान पर बीजेपी ने तंज कसा है। प्रदेश बीजेपी प्रवक्‍ता शिवम शुक्‍ला का कहना है कि कांग्रेस यूथ के लिए कोई लड़ाई नहीं लड़ पाई। उसे हर वर्ग उनकी रणनीति को समझ गया है। कांग्रेस का हर अभियान फेल हुआ है। आने वाले समय में भी कांग्रेस सार्थक भूमिका नहीं निभा पा रही।

कांग्रेस इस बात को अच्‍छी तरह से जानती है कि उसके लिए यूथ और महिला वोट कितना महत्‍वपूर्ण है। यही वजह है कि इन दो फैक्‍टर पर कांग्रेस हाईकमान तेजी से काम कर रही है। कांग्रेस ने यूथ को एमपी की कमान सौंपी है। ऐसे में कांग्रेस यूथ के सहारे अपनी लोकसभा सीटों को संख्‍या बढ़ाने की कोशि़श कर रही है।