इंदौर। होली के दिन उज्जैन महाकाल मंदिर गर्भगृह में लगी आग के बाद महाकाल मंदिर के 12 पुजारियों को इंदौर में एडमिट किया गया था। इनमें से दो पुजारियों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। दस पुजारियों का इलाज अभी भी जारी है। इन सभी का इलाज अरबिंदो अस्पताल के बर्न यूनिट में किया जा रहा है और अब इनके घाव ठीक होने लगे हैं। बताया जा रहा है कि पूरी तरह हील होने पर ही बाकियों को डिस्चार्ज किया जाएगा।
होली के दिन लगी थी आग
आपको बता दें कि हादसा मंदिर के गर्भगृह में शाम 5:50 बजे के आसपास भस्म आरती के दौरान हुआ था। वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की गई इस हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मंदिर में ‘कर्पूर’ आरती पर ‘गुलाल’ गिरने के कारण आग लगी थी। जो गुलाल आरती पूजन के लिए खरीदा गया था वह गर्भग्रह तक नहीं पहुंचा उसकी बजाए दूसरा गुलाल यहां पहुंचा था।
इसके अतिरिक्त निकासी द्वार का 15 मिनट से अधिक तक बंद रहना भी बचाव कार्य में हुई देरी की वजह बताया गया था। हादसे की सूचना मिलने के बाद सीएम स्वयं ही महाकाल पहुंचे थे। दोबारा ऐसी घटनाएं ना हो इसलिए जांच समिति ने मंदिर में सुरक्षा उपायों सहित विभिन्न उपायों पर कुछ अनुशंसाएं भी की हैं।