ग्वालियर, प्रह्लाद पटेल | ग्वालियर में BJP के नेता संजय शर्मा और उनके भाई दिलीप शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने उन्हें तगड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि अनावश्यक रूप से सिक्योरिटी गार्ड अपने पास रखने और उसका भुगतान RI के पास जमा नहीं कराने के एवज में भाजपा नेता और उनके भाई को करीब ढाई करोड़ से ज्यादा की राशि जमा कराना होगी।
शासन अपने स्तर पर यह राशि भाजपा नेताओं से वसूल सकता है। साथ ही हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि शासन द्वारा सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने के लिए मानक तय होना चाहिए क्योंकि अधिकांश लोग स्टेट्स सिंबल के रूप में किसी न किसी तरह से सरकारी खामियों का लाभ उठाते हुए सुरक्षा प्राप्त कर लेते हैं। इसलिए डीजीपी को मामले में संज्ञान लेकर पॉलिसी निर्धारित करने निर्देश भी कोर्ट ने दिए हैं।
दरअसल संजय शर्मा और दिलीप शर्मा ने 2012 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके परिवार में एक व्यक्ति की हत्या हुई है वह अपने आप को असुरक्षित महसूस करते हैं। इस कारण उन्हें सुरक्षा दी जाए और कोर्ट में गवाही के समय भी यह सुरक्षा उनके साथ रहे। खास बात यह है कि यह मामला काफी पहले खत्म भी हो चुका है इसलिए हाईकोर्ट ने भाजपा नेता संजय शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए उन पर यह पेनल्टी इंपोज की है। गौरतलब है कि दोनों भाइयों की सुरक्षा 2012 से जुलाई 2018 तक रही है ।दोनों के साथ दो-दो पुलिस सुरक्षा कर्मियों के अलावा घर पर एक चार का गार्ड भी तैनात रहा था। इसके एवज में आर आई के द्वारा उनसे करीब ढाई करोड़ की वसूली की जानी थी। क्योंकि यह गार्ड सशुल्क का उपलब्ध कराए गए थे।