भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह की एक नोटशीट वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने अपने अधीनस्थ अधिकारियों पर नाफरमानी और मनमानी से काम करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अधिकारी सार्वजनिक अवकाश के दिनों में उनका फोन अटैंड नहीं करते हैं। (Bhopal News)
‘नहीं मिलता सहयोग’
मंगलवार को वायरल आईएएस अधिकारी के वायरल नोटशीट में उन्होंने राज्य शिक्षा केंद्र के अफसरों पर मनमानी करने का आरोप लगाया। उन्होंने नोटशीट में लिखा कि सार्वजनिक अवकाश के दिनों में जब भी मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, मंत्री स्कूल शिक्षा विभाग और सचिव स्कूल शिक्षा विभाग राज्य शिक्षा केंद्र से जुड़ी विभागीय गतिविधियों की जानकारी मांगते हैं या कोई चर्चा करते हैं, तो इसमें केंद्र के अफसरों का पूरा सहयोग नहीं मिलता। (Bhopal News)
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‘कॉल नहीं करते रिसीव’
उन्होंने नोटशीट में आगे लिखा है कि ऐसे मामलों में जब संबंधित वस्तुस्थिति की रिपोर्ट के लिए केंद्र के नियंत्रकों और कोऑर्डिनेटर्स को फोन किया जाता है तो उनका फोन बंद मिलता है। यदि मोबाइल चालू भी है, तो वे कॉल रिसीव नहीं करते हैं। जिसके चलते मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, मंत्री और सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को जानकारी नहीं दे पाते हैं।
दी चेतावनी
नोटशीट में संचालक हरजिंदर सिंह ने लिखा कि जब ऐसी कंडीशन आती है तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जबकि कार्यालय व्यवस्थित रूप से चले ये सबका नैतिक दायित्व होता है। खासकर केंद्र में पदस्थ सहायक संचालक, संयुक्त संचालक, नियंत्रक, समन्वयक की यह अहम जिम्मेदारी भी है। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अब सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों और दायित्वों का पालन पूरी ईमानदारी से नहीं करेंगे और संचालक के रूप में सहयोग नहीं करेंगे, तो उन पर एक्शन लिया जाएगा।
गरमाई सियासत
इस मामले पर अब सूबे की सियासत भी गरमा गई है। मध्यप्रदेश के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, ‘सरकार, जब यह असहनीय दर्द एक आईएएस अफसर का है, तो (बे) चारी जनता के हाल क्या होंगे? क्या (सु) शासन, नवाचार, गुड गवर्नेंस की परिभाषा भी यही है।’