इंदौर। महू-इंदौर से वैष्णोदेवी-कटरा के बीच चलने वाली मालवा एक्सप्रेस में बैठे यात्रियों उस समय अफरा-तफरी मच गई। जब उन्होंने पहियों से चिंगारी और उसके बाद धुंआ निकलते देखा। हालांकि समय रहते धुंए पर काबू पा लिया, जिससे बड़ा रेल हादसा होने से बच गया। रेल विशेषज्ञों के मुताबिक यदि ट्रेन अपनी एवरेज स्पीड में होती तो उसके डिब्बे पलट जाते और हजारों यात्रियों की जान खतरे में पड़ जाती। (Malwa Express accident)

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पहियों से निकली चिंगारी

रेल अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन महू से इंदौर तक जाने के दौरान राजेंद्र नगर के पास मालवा ट्रेन के पहिए चिपक गए। घर्षण होने पर जब यात्रियों ने बाहर देखा तो पहियों से चिंगारी निकलते देखी। इसके कुछ ही समय बाद वहां से धुंआ निकलने लगा। यात्रियों ने इसकी सूचना रेलवे मैनेजमेंट को दी। इसके बाद यार्ड से इंजीनियर वहां पहुंचे और फायर एस्टिंग्विशर से गैस को पहियों पर डाला। (Malwa Express accident)

इसके कुछ देर बाद तक ट्रेन को राजेंद्र नगर में रोकने के बाद धीमी स्पीड में इंदौर स्टेशन तक लाया गया। जहां उसकी रिपेयरिंग की गई और फिर आगे रवाना किया। ट्रेन 26 सितंबर की शाम 5.30 बजे वैष्णादेवी स्टेशन कटरा पहुंचेगी।

सीहोर में हुई थी ऐसी ही घटना

बता दें कि मालवा एक्सप्रेस में ऐसी ही घटना 20 दिन पहले में भी घटी थी। तब सीहोर स्टेशन के पास ब्रेक चिपकने की वजह से चिंगारी निकलने लगी थी। जिसे देखकर यात्रियों में हड़कंप मच गया था। उन्होंने चेन पुलिंग कर इसकी जानकारी रेल अधिकारियों को दी थी। इसके बाद अधिकारियों ने ट्रेन को चेक कर आगे की ओर रवाना किया था।

रेल विशेषज्ञों ने इस तरह की घटनाओं को रेलवे की लापरवाही बताया है। वहीं रेलवे अधिकारियों ने किसी भी तरह की लापरवाही होने से इनकार किया है। उनका कहना है कि ब्रेक लगाने पर कई दफा ब्रेक शू चिपक जाते हैं। जिसके चलते धुआं और हल्की चिंगारी का निकल जाती है।