देहरादून/भोपाल। बाबा केदारनाथ के कपाट विधि-विधान के साथ आज सुबह 6 माह के लिए विधि—विधान से खोल दिए गए। इस दौरान हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। सेना की ग्रेनेडियर रेजीमेंट के बैंड की सुमधुर धुनों से केदारनाथ धाम परिसर गूंज उठा। शंखनाद और डमरू की ध्वनि से हर एक भक्त को आत्मविभोर कर दिया। इसी के साथ चारधाम यात्रा आज से प्रारंभ हो गई। इस अवसर पर 10 हजार से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे और बाबा के दिव्य दर्शनों के साक्षी बने। पुण्य अवसर पर मौसम साफ रहा। मंदिर को कई क्विंटल फूलोंं से सजाया गया है।
सुबह 4 बजे श्री केदारनाथधाम परिसर में कतारबद्ध चारधाम यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ। पूरब द्वार से पूजा शुरू हुई। इसके बाद भगवान भैरवनाथ और भगवान शिव के आह्वान के साथ ठीक सुबह 7 बजे श्रीकेदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिए गए।
सीएम भी रहे मौजूद
कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से शृंगार रूप दिया गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर मौजूद रहे। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई देते हुए देश-प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा कीर्तिमान बनाएगी। प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
जय बाबा केदार !#KedarnathDham pic.twitter.com/eWNevE51kk
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) May 10, 2024
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ की पूजा हुई थी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति 9 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी।
समाधि में रहते हैं बाबा
मान्यता है कि बाबा केदारनाथ 6 महीने समाधि में रहते हैं। मंदिर के कपाट बंद होने के अंतिम दिन चढ़ावे के बाद सवा क्विंटल विभूति चढ़ाई जाती है। कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदारनाथ समाधि से जागते हैं। इसके बाद भक्त दर्शन करते हैं।