भोपाल। तिरुपति मंदिर में लड्डूओं के विवाद के बीच एमपी के सीहोर जिले के प्रसिद्ध देवी धाम सलकनपुर मंदिर के प्रसाद पर सवाल उठे हैं। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि यहां प्रसाद के लिए बिक रहे लड्डूओं के शुद्ध होने की कोई गारंटी नहीं है। ट्रस्ट की ओर से सिहोर कलेक्टर से इसकी शिकायत की गई है। बता दें कि यहां मंदिर परिसर में लगी दुकान में बिकने वाले इन लड्डूओं को महिला स्व-सहायता समूह तैयार करता है। फिर इन्हें मंदिर के मोनो लगे डिब्बे में पैक कर बेचा जाता है। (Salkanpur Prasad controversy)

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भक्तों ने की शिकायत

ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि कई श्रद्धालुओं ने लड्डूओं से अजीब महक आने की शिकायत की है। ट्रस्ट के अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने इस बारे में लड्डू बनाने वाले स्व सहायता समूह को पहले भी बताया है। जिस पर उन्होंने पूरी शुद्धता के साथ प्रसाद बनाने और फूड एनालिस्ट का सर्टिफेकेट होने की बात कही। (Salkanpur Prasad controversy)

प्रसाद बेचने पर रोक लगाने की मांग

सलकनपुर देवी धाम में नवरात्र के अवसर पर लगने वाले मेले को लेकर सीहोर कलेक्टर और एसपी ने 23 सितंबर को ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। जिसमें ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने मंदिर के बाहर प्रसाद बेचे जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। ट्रस्ट का कहना था कि प्रसाद के लिए जो लड्डू बेंचा जा रहा है उसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। लड्डू में किस तरह की सामग्री मिलाई जा रही है। इस पर कोई भी जांच लैब का कोई भी प्रमाणीकरण नहीं है।

क्या बोला स्व-सहायता समूह?

वहीं, लड्डू बनाने वाले स्वसहायता समूह (सलकनपुर प्रसादम केंद्र) का कहना है कि समूह द्वारा साल 2021 से लड्डू बनाकर बेचा जा रहा है। हमारे बनाए प्रसाद में बीते 3-4 साल में किसी तरह की कोई समस्या सामने नहीं आई है। बता दें कि 7 अक्टूबर 2021 को तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान, मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष और सीहोर कलेक्टर ने इस प्रसादम केंद्र का शुभारंभ किया था। लड्डू बेचने के लिए केंद्र को मंदिर कैंपस के ही अंदर एक दुकान भी उपलब्ध कराई गई थी।